Sunday, May 19, 2024
साहित्य जगत

बाबा तेरे रूप अनेक (व्यंग्य)

।जाति पाँती पूछे नही कोई।
।बाबा भजे सो बाबा होई।

ये हमारा भारत देश है,सात समुंदर पार बैठे विदेशी पढे लिखे लोग कहते है भारत देश बाबाओ का देश है।

आत्मा जब धरती पर मानव संतान के रूप में जन्म लेती या लेता है ,तो उसके कानों में एक शब्द कुछ ही अंतराल पर सुनाई देता है,ये बच्चा तो अपने बाबा पर गया है,या यह इतना सुंदर है तो फलाने बाबा का आशिर्बाद है । फिर यही से बाबा शब्द उसके जीवन से हमेशा के लिये फेविकोल के मजबूत जोड़ की तरह चिपक जाता है।
जीव आत्मा के अस्पताल से घर पहुचने पर पंडित बाबा से कथा सुनकर पुण्य लाभ लेना,बरही,छटी के अवसर पर बाबा के लाये हुयें कपडे को पहन कर उसमें नवजात शिशु को सुसु करते देख सभी लोग खुश हो जाते है,बालक भी तीन चार साल में खुद ही बाबा बन जाता है जैसे बिट्ठल बाबा,छोटू बाबा,नवोदित बाबा आदि।
फिर यही बाबा का अपने बाप के बाप यानि बाबा से दोस्ती हो जाती है ।साथ में घूमना टहलना खाना पीना और मौज करना गजब का सुख बाबा से मिलता है,फिर धीरे धीरे उसके पास बाबा का खजाना हो जाता है चाय वाले बाबा,धोबी बाबा,से लगायत अपने दोस्तों के बाबा तक,किताबो में नागार्जुन बाबा,तो फिल्मो में संजू बाबा।
युवान काल में अगर दबंग हुआ तो रणजीत बाबा, कुछ दादा टाइप गली मोहल्ले के लड़के भी बाबा हो जाते जैसे चन्दन बाबा,।
विस्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि कुछ गैर नौजवान अपनी प्रेमिका को भी बाबा कहते है,नेता बनते ही वह खुद भी युवा काल में ही बाबा बन कर समय से अगाडी मार लेता है,और कभी कभी वह बाबा आशाराम भी बन जाता है,अगर किसी के आदर्श बाबा रामदेव है तो वह योगी बाबा ,और राम रहीम है तो वह उसी स्टियले का बाबा बन जाता है। जो किसी प्रकार से कर्मो और धर्मो से बाबा नहीं बन पाता तो उस समय प्रोटोकॉल देते हुए नाती पोतो का बाबा बना ही देता है।
और हा प्रत्येक बाबा के पास अपनी कुछ अलग ही प्रतिभा होती है जो इस बाबा के सुपर पोस्ट तक पहुच जाते है।
फिर भी हम चिंतित है कि हम बाबा लोगो से दूर होते चले जा रहे है,हमारे बच्चे मोबाइल पर चिपके जा रहे है,और बाबा बृद्धाश्रम की तरफ धकेले जा रहे है।
लेखक स्वमं में एक बाबा है और लेखक के बाबा भी एक बाबा थे इतना ही नहीं लेखक की झोली में बाबाओ की पूरी एक टोली है । जैसे मतवाला बाबा,जगमग बाबा, अतुल बाबा,सक्षम बाबा,राजेश बाबा अभिमन्यु बाबा।
और आजकल एक नए बाबा भी चलन में आये है उनका नाम आप खुद ही लिख लीजिएगा।

विशाल पाण्डेय

बस्ती (उत्तर प्रदेश)