Saturday, June 29, 2024
बस्ती मण्डल

शहीदों की स्मृति को नमन करते हुए द्वीप प्रज्वलन

बस्ती।आजादी की लड़ाई के सुनहरे अध्याय चौरी-चौरा घटना के शताब्दी वर्ष की शुरुआत पर आज राजकीय महाविद्यालय रुधौली में राष्ट्रगीत वंदेमातरम की गूंज के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा सुबह 11:00 बजे महोत्सव के उदघाटन का सीधा प्रसारण महाविद्यालय में हुआ। तत्पश्चात कार्यक्रम में व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें अजय,दीपक,गोरखनाथ, सुषमा ने चौरी-चौरा की घटना पर प्रकाश डाला। समस्त कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य, इतिहासविज्ञ,एवं आज के कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ० राजेश कुमार शर्मा जी अपने सम्बोधन में चौरी चौरा घटना क्या है, और ये घटना कहाँ, कैसे घटित हुई इस परिदृश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि लगातार 1 वर्ष तक चलने वाला चौरी चौरा शताब्दी कार्यक्रम भी इसी अपेक्षा के साथ प्रारम्भ किया गया है कि स्थानीय स्तर पर क्षेत्रीय इतिहास में विलुप्त जो नायक हैं उन नायक को हम एक वर्षों में उनकी सुधि लें, उनको ढूंढें। निश्चित रूप से यह एक सराहनीय पहल है। उनकी दृष्टि में चौरी- चौरा का विद्रोह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की वह अभूतपूर्व घटना है जिसने किसान आंदोलन के क्रांतिकारी पक्ष को उभारा है। उन्होंने कहा की आज़ादी की लड़ाई में ब्रिटिश सत्ता को नेस्तनाबूद करने वाले इस इकलौते कृत्य को हम अबतक गौरवान्वित करने के बजाय उपेक्षित ही करते रहे है। वर्षो बाद भी इस विद्रोह के स्मरण मात्र से औपनिवेशिक सत्ता की नींद उचट जाती है, मीलों दूर बैठे, धधकते ठाणे का दृश्य जिन्होंने नहीं देखा था] वे भी सुनी सुनायी बातो से ताउम्र तपिश महसूस करते है, यह अकारण नहीं था। ज़ुल्म की प्रतिक्रिया में चौरी-चौरा के किसानो ने जो कदम उठाया था उससे इतिहास की दशा और दिशा दोनों ही बदल गयी। चौरी- चौरा विद्रोह की पृष्ठभूमि में एक ओर १८५७ के विद्रोह की ऊर्जा है तो दूसरी ओर ज़मींदारो के शोषण और पुलिस के जुल्मो के इंतहा का जवाब भी है। हिंदी की विभागाध्यक्ष डॉ०शैलजा पाण्डेय ने अपने “कर रहें जो हम पर वार,बना रहे नफरत की दीवार,हमें उनको समझाना है,हमें अपना देश बचाना है छंदों के माध्यम कार्यक्रम को आकर्षक बनाया तथा सभी के प्रति ह्रदय से आभार व्यक्त किया। राजनीतिशास्त्र की विभागाध्यक्ष व कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ०अंकिता मद्धेशिया ने कार्यक्रम का शानदार तथा सफल संचालन किया। कार्यक्रम के इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण कर्मचारी मनीष सिंह,महेंद्र सिंह यादव,रविशंकर प्रसाद तथा समस्त छात्र/छात्राएँ सुषमा,शैल ,दीपक,अजय,गोरखनाथ हरिकेश,ध्रुपचन्द,तनुजा,सरिता, पूजा,कविता सहित समस्त उपस्थित रहें।*