Sunday, May 5, 2024
हेल्थ

जिला कंसल्टेंट के प्रयासों से सुधर रही अस्पतालों की सेहत

– राष्ट्रीय मानक के अनुरूप बनाए जाने हैं जिले के सभी सरकारी अस्पताल

बस्ती। सरकारी अस्पतालों की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें क्वालिटी सेल के जिला कंसल्टेंट की महतत्वपूर्ण भूमिका है। पिछले आठ साल से जिला कंसल्टेंट डॉ अजय के प्रयासों का नतीजा है कि जिले की एक पीएचसी को एनक्वॉस अवार्ड व एक दर्जन से ज्यादा अस्पतालों को कायाकल्प अवार्ड मिल चुका है। सीएचसी कप्तानगंज का एनक्वास एसेस्मेंट का कार्य पूरा हो चुका है। बस्ती मंडल में कुदरहा पीएचसी पहली पीएचसी है, जिसे अस्पतालों में गुणवत्तापरक सुविधा मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार एनक्वास मिला है। जिला महिला अस्पताल के लेबर रूम को वर्ष 2021 में लक्ष्य कार्यक्रम के तहत चुना जा चुका है।
जिला क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ. अजय कुमार का कहना है कि उन्होंने तीन जून 2016 को बस्ती जिले में ज्वाइन किया। उस समय अस्पतालों विशेषकर ग्रामीण अस्पतालों की हालत ठीक नहीं थी। बेड शीट गंदी रहती थी, बायोमेडिकल वेस्ट परिसर में बिखरा रहता था। सूई और गंदा कपड़ा इधर-उधर पड़ा रहता था। बीएमडब्ल्यू (बॉयोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट) की बाल्टी अलग-अलग होने के बाद भी जैव अपशिष्ट चारो बाल्टी में डाला जा रहा था। मरीज के बैठने व शौचालय तक की व्यवस्था नहीं होती थी।
तत्कालीन सीएमओ व एसीएमओ के सहयोग से एमओआईसी व अस्पताल स्टॉफ को विश्वास में लेकर पहले उन्हें अस्पतालों के मानक के बारे में बताया, फिर कमियों में सुधार के लिए प्रेरित किया। स्टॉफ को प्रशिक्षित किया गया, जिसका परिणाम है कि अब अस्पतालों में गाइड लाइन का पालन होने लगा है। शुरू में कुछ स्टॉफ का सहयोग नहीं मिल रहा था, लेकिन बाद में जब उन्हें भी बात समझ में आई तो सभी का सहयोग मिलने लगा।

वर्ष 2016 में जिले में आया कायाकल्प कार्यक्रम
वर्ष 2016 में कायाकल्प कार्यक्रम आया तो सीएचसी मरवटिया को चुना गया। इसे एक चुनौती के रुप में लेते हुए वहां की एचईओ व अन्य स्टॉफ के सहयोग से इसे मानक के अनुरूप तैयार किया गया। अस्पताल की रंगाई-पुताई के साथ ही वहां के लैब, दवाखाना, ओपीडी और वार्ड में सुधार कराया गया। नतीजा यह रहा कि उसी साल पहली सीएचसी को कायाकल्प अवार्ड के तौर पर चुन लिया गया। इस अवार्ड ने खुद उनके व अन्य अस्पतालों के स्टॉफ का हौसला बढ़ाया और उसका परिणाम रहा कि अब तक जिले के खाते में कई ईनाम आ चुके हैं।

इनको मिला कायाकल्प अवार्ड
वर्ष 2016-17- सीएचसी मरवटिया

वर्ष 2017-18- टीबी अस्पताल, सीएचसी कप्तानगंज, पीएचसी कुदरहा

2018-19- महिला अस्पताल, पीएचसी कुदरहा

वर्ष 2019-20- सीएचसी रुधौली, गौर, कप्तानगंज, पीएचसी कुदरहा, सिकंदरपुर, नरहरिया, बरदहिया, जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल

वर्ष 2020-21- जिला महिला अस्पताल, सीएचसी कप्तानगंज, गौर, रुधौली, हर्रैया, परशुरामपुर, पीएचसी सिकंदरपुर, पीएचसी कुदरहा, पीएचसी सल्टौआ, हलुआ, ओड़वारा

वर्ष 2021-22- जिला महिला अस्पताल, टीबी अस्पताल, सीएचसी साऊंघाट, दुबौलिया, गौर, कप्तानगंज, परशुरामपुर, रुधौली, पीएचसी कुदरहा, सल्टौआ, सिकंदरपुर, ओड़वारा, हलुआ, मुसहा

11 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को भी मिला कायाकल्प अवार्ड
बक्सर, दसिया, तिलकपुर, ओड़वारा, गढ़ा गौतम, डेंगरहा, खजौला, सोनूपार, बैरागल, खम्हरिया

एन्क्वास एवार्ड से जिले का नाम हुआ रौशन
बस्ती मंडल में पहली बार पीएचसी कुदरहा को वर्ष 2021-22 का एन्क्वास अवार्ड मिला है। विभाग के लिए इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।