Saturday, May 18, 2024
साहित्य जगत

मैं भी स्कूल जाना चाहता हूं।

मैं भी स्कूल जाना चाहता हूं

मूक आंखें करती याचना,
हम भी जाना चाहे विद्यालय।
हम भी पढ़ना चाहे,
दीदी हमको भी दे दो
कागज कलम किताब
पढ़ लिख कर हम
करेंगे देश की सेवा।
उनकी आंखें भी देखती
सपन सलोने वो भी
चाहे रोज विद्यालय जाना।
आओ हम तुम करें
उनकी मदद।
चलो करें विद्या का
निशुल्क दान इसकी
एक जंजीर बनाए टूटे
ना यह कड़ी
आओ जोड़े कड़ी से कड़ी।
लिखना पढ़ना सीखेंगे,
मेहनत को हम अपना गहना
बनायेंगे,
हम भी स्कूल जाएंगे ।
बस कर दो कुछ
सहायता हमारी।
मेहनत से नहीं हमको बैर ,
बस अवसर के हम भूखे!
हम भी स्कूल जाएंगे
पढ़ लिख कर देश
के काम आएंगे ,
खूब नाम कमाएंगे।
हम भी स्कूल जाएंगे।

शब्द मेरे मीत
©डाक्टर महिमा सिंह
लखनऊ उत्तर प्रदेश