साहित्य जगत मेरे घनश्याम Basti News Times May 15, 2022 🔊 Listen to this आस्था में डूबी प्रति क्षण, प्रति पल मैं! तेरी आराध्या ! मुक्त मत करना कभी, मेरे श्याम! यूं हीं,भजती रहूं तेरा नाम। जीवन की अभिलाषा नहीं, बांसुरी बन, सजती रहूं तेरे अधर पर, बजती रहूं सुबहो शाम। लेकर बस तेरा नाम मेरे मनमोहन! मेरे घनश्याम! आर्यावर्ती सरोज “आर्या” लखनऊ (उत्तर प्रदेश) Post Views: 239