Monday, May 6, 2024
हेल्थ

14 000 से ज्यादा गर्भवती की कराई जा चुकी है जांच

– हर माह की नौ तारीख को होता है पीएम सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन

बस्ती। हर माह की नौ तारीख को सीएचसी/पीएचसी पर आयोजित होने वाला सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस ग्रामीण महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अभियान के तहत 14000 से ज्यादा महिलाओं को पंजीकृत कर उनकी प्रसव पूर्व जांच कराई गई। इस आयोजन का उद्देश्य हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (एचआरपी) वाली महिलाओं को चिन्ह्ति कर उनका सुरक्षित प्रसव कराना है। प्रसव के दौरान होने वाली जच्चा व बच्चा की मौत को न्यूनतम स्तर पर लाया जाना है। इस माह भी शनिवार को सीएचसी/पीएचसी पर आयोजन होगा।

वित्तीय वर्ष 2021-22 में पीएमएसएमए के तहत पंजीकृत महिलाओं की प्रसव पूर्व हुई जांच के बाद 1476 एचआरपी महिलाएं चिन्ह्ति की गई। यह वह महिलाएं हैं, जिनके शरीर में खून की कमी है या जो शुगर, थॉयरायड आदि बीमारी से ग्रसित हैं। एचआरपी महिलाओं को हॉयर सेंटर रेफर कर दिया जाता है तथा वहां पर दक्ष चिकित्सकों की देख-रेख में इलाज व प्रसव कराया जाता है। सीएमओ डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि आयोजन की सारी तैयारियां हो गई हैं। इसे वृहद रूप से संचालित किया जाना है।

दिवस पर की जाती है यह जांच
पीएमएसएमए दिवस पर अस्पताल में गर्भवती की हीमोग्लोबीन, एचआईवी, शुगर, सिफलिस की जांच के साथ अल्ट्रासाउंड जांच भी कराई जाती है। जांच के आधार पर महिला का इलाज किया जाता है। उसे उचित पोषण की भी सलाह दी जाती है। आशा के जरिए पीएमएसएमए दिवस की जानकारी गर्भवती को दी जाती है। अस्पताल तक पहुंचाने में भी सहयोग किया जाता है। पीएसएमए दिवस पर समस्त जांच व सेवाएं निःशुल्क हैं।

एनीमिक गर्भवती का कराया सुरक्षित प्रसव
रामनगर ब्लॉक के करमहिया निवासी जन्नतुन्निसा प्रसव के समय एनिमिक थी। उनके शरीर में छह ग्राम ही खून था। आशा कार्यकर्ता की सूझ-बूझ से उनका सुरक्षित प्रसव कराया गया।
आशा कार्यकर्ता जाहिदा ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर उसने प्रथम तिमाही पर स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भानपुर पर महिला का पंजीकरण कराया। द्वितीय तिमाही में महिला की प्रसव पूर्व जांच कराई गई। खून की कमी की जानकारी होने पर महिला को दो बार ऑयरन शुक्रोज दिया गया तथा उसके द्वारा समय-समय पर उसकी देख-भाल की जाती रही और उसके पोषण पर विशेष ध्यान दिया गया। महिला का संस्थागत प्रसव कराया गया। जच्चा व बच्चा दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं।