Sunday, May 19, 2024
बस्ती मण्डल

आसाम में तैनात नायब हवलदार कैलाश चौहान का पार्थिव शरीर पहुंँचा पैतृक गांव

बनकटी/बस्ती।लालगंज थानाक्षेत्र के चित्राखोर निवासी आसाम में तैनात नायब हवलदार कैलाश चौहान का शुक्रवार को सुबह दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई।
इसकी सूचना मिलने पर परिवार व गांव में मातम छा गया। पिता राम भुवाल ने बताया कि मेरे चार बेटों में सबसे बड़ा बेटा कैलाश चौहान जो सन् 2000 में सेना में भर्ती हुआ था।उसकी तैनाती सबसे पहले हैदराबाद में हुआ था।
वह पिछले तीन वर्षो से असम राज्य के सिलचर जिले में नायाब हवलदार के पद पर तैनात हुआ था ।शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से अचानक उसकी मृत्यु हो गई। मृतक के छोटे भाई राम निहाल ने बताया कि भाई की ड्यूटी जनरेटर रूम में लगाया गया था। एक सप्ताह पहले जनरेटर रूम में ड्यूटी लगने से उससे निकलने वाले धुएं से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। ऐसी स्थिति में उन्हें सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।तीन दिन इलाज चलने के बाद वह फिर ड्यूटी पर वापस आ गए थे। शुक्रवार को आर्मी हेडक्वार्टर से सूचना मिला की सीने में दर्द होने से उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया। अचानक उनकी रास्ते में ही मृत्यु हो गई। कैलाश की मौत की खबर मिलते ही परिवार वाले रोने-लिखने लगे व गांव में मातम छा गया।
जानकारी के अनुसार मृतक की माता सूरेमना देवी और पिता राम भुवाल व पत्नी उषा देवी के चार बच्चे हैं ।बड़े बेटे का नाम विवेक और छोटे बेटे का नाम रोहित है।व बड़ी बेटी का नाम पिंकी व छोटी बेटी का नाम रिंकी है। मृतक के छोटे भाई राम भुवाल ने बताया कि एक महीने पहले कैलाश जब गांँव आया था तो वह बड़ी बेटी पिंकी का रिश्ता पांँच जून को तय करके वापस चले गए थे।लेकिन विधि के विधान को कौन बदल सकता है। लेकिन एक बाप अपनी बेटी को विदा करने से पहले खुद ही ईश्वर को प्यारा हो गया।
शहीद कैलाश चौहान का पार्थिव शरीर शनिवार को सम्मान के साथ उनके पैतृक निवास चित्राखोर बनकटी में पहुंँचा त़ो हजारों की तादाद में भीड़ लग गई।दूर-दूर सेआये लोगों की आंँखे नम थी। और हर कोई यही कह रहा था कि देश का एक और सच्चा सिपाही शहीद हो गया।