Saturday, May 18, 2024
साहित्य जगत

*सफ़र अभी जारी है*

सफ़र अभी जारी है

मंजिल का तो पता नहीं,
मगर, सफ़र अभी जारी है।

व्यवधान बड़े ही आएं, किंतु!
संकल्प अपना भी भारी है।

कल थी संकटों की बारी..,
आज शुभेच्छाओं से यारी है।

नज़र जहां तक ना पहुंच सके,
वहां तक! जाने की तैयारी है।।

आसान नहीं लेकिन, इतना तो पता है।
कि निभानी तो, ये जिम्मेदारी है।

रास्ते कंटीले हैं तो, क्या हुआ?
मैंने भी हिम्मत कहां हारी है ?

आर्यवर्ती सरोज ‘आर्या’
लखनऊ(उत्तर प्रदेश)