Saturday, May 25, 2024
बस्ती मण्डल

उत्तर प्रदेश बिधानसभा चुनाव 2022 देवरिया जिले के पथरदेवा शीट के बारे में

देवरिया।(गंगा मणि दीक्षित) समाजवादी पार्टी में अभी कुछ दिन पहले गोरखपुर के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी और उनका कुनबा सपा जॉइन किया था, पूर्वांचल के देवरिया जिले के पथरदेवा शीट से समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता एवं पूर्व मंत्री ब्रह्मा शंकर तिवारी के 2022 विधानसभा चुनाव में पथरदेवा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने और समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट के रूप में उतरने से मुकाबला दिलचस्प होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश शासन के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही पथरदेवा के विधायक हैं। उन्होंने 2017 के चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी व पूर्व मंत्री शाकिर अली को 42997 मतों से पराजित किया था। हालांकि इससे पहले शाही ने 2002 से 2017 के बीच इस सीट पर हार की हैट्रिक बनायी थी। लेकिन मोदी लहर के चलते हैट्रिक हार जीत में तब्दील हो गई। पूर्वी उत्तर प्रदेश में फिलहाल बसपा और कांग्रेस तनिक भी सक्रिय नहीं दिखायी दे रही है जिसके चलते लगभग पूर्वांचल की सभी शीट का मुकाबला समाजवादी और बीजेपी में तय माना जा रहा है,। गंगा मणि दीक्षित के मुताबिक पथरदेवा शीट पे ब्रह्मा शंकर तिवारी के आ जाने से ये बीजेपी इस बार की बिधानसभा चुनाव कमजोर तरीके से नजर आ रही है, विश्लेषण के अनुमान के बाद अगर बसपा और कांग्रेस यहाँ पकड़ मजबूत नही बना पाती है तो 2022 बिधानसभा चुनाव में यहाँ सीधी लड़ाई भाजपा और सपा में होती है, तो इसका फायदा यहां ब्रह्मा शंकर तिवारी को मिल सकता है क्योंकि बसपा के कमजोर होने से बसपा के पुश्तैनी वोट तथा अल्पसंख्यकों के वोटों का फायदा ब्रह्मा शंकर उठा सकते हैं। ब्रह्मा शंकर तिवारी और हरिशंकर तिवारी के आने से पूर्वांचल में अनुमान सपा के पक्ष में दिखाई दे रहा है,
अगर बात करे कृषि मंत्री शाही की तो इनकी पहचान भाजपा के कद्दावर नेता के रूप में होती है। 1989 में राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय निभाने वाले शाही ने पहली बार 1985 में कांग्रेस का वर्चस्व तोड़ कर इस सीट पर कब्जा किया था जबकि 1997 से 2002 तक वह प्रदेश में आबकारी मंत्री की हैसियत से रहे। 2022 के विधानसभा चुनाव में शाही एक बार फिर पथरदेवा से भाजपा की कमान संभालेंगे। क्षेत्र में लोकप्रिय शाही के बारे में लोगो का कहना है कि उन्होने अपने विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने का काम किया है।इसके साथ ही स्कूलों का कायाकल्प और क्षेत्र वासियों के लिये स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने का काम किया है। धरातल पे कोई काम दिखाई तो नही देता लेकिन सरकारी डेटा मजबूत है शाही के पक्ष में।
ब्रह्मा शंकर तिवारी और शाही की तुलना किया जाय तो दोनों नेता दिग्गज हैं। ब्रह्मा शंकर के समर्थकों का मानना है कि पथरदेवा विधानसभा में जो विकास होना चाहिए था,वह नहीं हो सका है। धरातल पे कार्य कुछ और और सरकारी आकड़ो में कुछ अलग नजर आता है,। चुनावी समीकरण फेल करने की क्षमता रखने वाले ब्रह्मा शंकर तिवारी के सपा उम्मीदवार बन जाने से 2022 के बिधानसभा चुनाव में शाही को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद दिखाई दे रही हैं।