Saturday, May 18, 2024
साहित्य जगत

हे राम बचालो हम सबको

हे राम
हे राम बचा लो, हम सबको
हृदय व्यतिथ, पुकार रहा
क्यों रुष्ट हुए, हो आप प्रभु
चहु ओर, हाहाकार मचा
कोई माँ बेबस, लाचार यहाँ
कोई पुत्र, बदहवास हुआ
आखिर इतनी, परीक्षा क्यूँ
प्रभु दुनिया, तुम्हें पुकार रहा
चमत्कार दिखा दो, आस तुम्ही से
अब न ही किसी पे, विश्वास रहा
हे कृपा करो, प्रभु राम सभी पर
मानव कर, विनती बार-बार रहा

सरिता त्रिपाठी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश