-एक दिन में 50 से ज्यादा बार बैलेंस चेक नहीं कर पाएंगे
नई दिल्ली। यूपीआई से पेमेंट करने वालों के लिए 1 अगस्त 2025 से बड़े बदलाव आने वाले हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनसीआई) ने नए नियम जारी किए हैं, जिनमें सबसे खास है, हर सफल ट्रांजैक्शन के बाद बैंक आपको खुद बताएगा कि खाते में कितना बैलेंस बचा है। ऐसा इसलिए ताकि आप बार-बार बैलेंस न देखें और सिस्टम पर दबाव कम हो।
अब आप एक दिन में किसी एक ऐप पर सिर्फ 50 बार ही बैलेंस देख सकेंगे। अगर आप दो ऐप्स इस्तेमाल करते हैं, तो हर ऐप पर 50 बार की अलग-अलग लिमिट रहेगी। व्यस्त समय (सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 5 बजे से रात 9.30 बजे) में बैलेंस चेक करने पर रोक या सीमा लगेगी। दुकानदारों, ठेले वालों या बिजनेस करने वालों के लिए बड़ी राहत दी जाएगी। अब हर सफल पेमेंट के बाद बैंक एसएमएस या नोटिफिकेशन भेजकर शेष राशि बता देगा। इससे बार-बार बैलेंस चेक करने की जरूरत नहीं होगी। अपने मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक खातों की लिस्ट अब रोजाना सिर्फ 25 बार ही देख सकेंगे। यह भी तभी जब आप खुद बैंक चुनकर उसकी मंजूरी दें। अगर पेमेंट फेल हो जाए या अटके, तो उसकी स्थिति १० सेकंड बाद ही चेक कर सकेंगे। ऐसा दिन में सिर्फ 3 बार ही किया जा सकेगा और हर बार 45 से 60 सेकंड का अंतर जरूरी है।
-हर बैंक को साल में एक बार अपने सिस्टम का ऑडिट कराना होगा। पहली रिपोर्ट 31 अगस्त 2025 तक जमा करनी होगी।
-30 दिन में सिर्फ 10 बार ही पेमेंट रिवर्सल (चार्जबैंक) मांग सकेंगे।
-पैसे ट्रांसफर करने या मर्चेंट पेमेंट जैसी मुख्य सेवाएं इन नियमों से प्रभावित नहीं होंगी।
ये बदलाव क्यों
पिछले महीनों में आरबीआई सर्वर पर बोझ बढ़ा था, जिससे ट्रांजैक्शन फेल होने या स्लो होने की शिकायतें आई। एनपीसीआई के मुताबिक, बार-बार बैलेंस चेक करने या ऑटोपे प्रोसेसिंग से सिस्टम पर दबाव पड़ता है। नए नियमों से सर्वर लोड कम होगा और यूपीआई स्मूथ चलेगा।
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