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विधायक ने डायग्नोसिस सेंटर को बंद करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र

-उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चल रहा फर्जी डायग्नोसिस सेंटर तो जिलों का क्या होगा हाल ?

रिपोर्टःहेमन पाण्डेय
लखनऊ। विधायक ने डायग्नोसिस सेंटर को बताया अवैध स्वास्थ्य मंत्री से कार्रवाई की मांग भाजपा सरकार में भाजपा विधायक को एक सेंटर सील करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री और शासन स्तर पर शिकायत करना पड़ रहा है बीजेपी विधायक मनीष कुमार मंटू ने केजीएमयू के पीछे चल रहे शास्वत डायग्नोसिस सेंटर को लेकर कार्रवाई की मांग की विधायक ने विधानसभा में पत्र देकर इस मुद्दे को उठाया था और सरकार से जवाब मांगा था लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात कर मामले को अवगत भी कराया है उन्होंने पत्र में कहा है उक्त डायग्नोसिस सेंटर पर फर्जी तरीके से ब्लड टेस्ट अल्ट्रासाउंड इको जांच बिना पैथोलॉजिस्ट कार्डियोलॉजिस्ट और रेडियोलॉजिस्ट के देख रेख में कराई जा रही है इससे मरीजों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है विधायक ने सरकार से पूछा है कि क्या वह इस डायग्नोसिस सेंटर को बंद करेंगे या ब्लैकलिस्ट करेंगे अगर हां तो कब तक अगर नहीं तो क्यों लेकिन अभी तक उक्त सेंटर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई सेंटर द्वारा पीसीपीएनडीटी प्राविधान का खुला मजाक बनाया गया है। यहां पंजीकृत चिकित्सक के उपर सवाल उठ रहा है।
गरीब मजबूर लाचार मरीजों की धनहानि तो हो ही रही है साथ ही उनके जीवन के साथ खुलेआम खिलवाड हो रहा है। सवाल यह उठता है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जैसे बड़े शहर में इतना बड़ा स्कैन कैसे चल रहा है केजीएमयू मेडिकल कॉलेज के पास इस तरह का डायग्नोसिस चलना प्रशासन और अधिकारी पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है सवाल यह उठ रहा है जहां प्रदेश के मुखिया निवास करते हो जहां स्वास्थ्य मंत्री निवास करते हो वहां इतना बड़ा फर्जी बड़ा कैसे चल सकता है। या शिकायत कोई आम जनता या मरीज ने नहीं किया है यह शिकायत बीजेपी के विधायक ने किया है अब सवाल या उठना है कि जनहित के मुद्दे को लेकर जो विधायक ने शिकायत किया उसे पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही इस पूरे मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ से बात किया गया तो उन्होंने बताया अभी हम तक कोई शिकायत नहीं आई है शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।