Sunday, May 19, 2024
साहित्य जगत

कितना रोई होगी वो

कितना रोई होगी वो
तूने बेशक हवसी आंखो से, केवल उसको ताका होगा
पर उसकी नजरों ने जीवनभर हरएक नजरों को आंका होगा
पूरी रात ना सोई होगी वो
कितना रोई होगी वो

जब तूने उसके भोलेपन को, सूनेपन में बदला होगा
जब तूने उसको बाहर छूकर, अंतर्मन को कुचला होगा
तब खुद को टोई होगी वो
कितना रोई होगी वो

जब तूने पत्थर हाथों से उस कोमल को मसला होगा
उस नवपल्लव का मन जाने तिन तिन कितना झुलसा होगा
अपनो में भी खोई होगी वो
कितना रोई होगी वो

जब तूने अपने कृत्यों से कुमकुम उसका कुतरा होगा
क्रंदन से काजल भी उसका रुधिर बन  पिघला होगा
तब कितना चीखी होगी वो
कितना रोई होगी वो

जब तूने इल्लत के वश में, जिल्लत उसको किया होगा
जब तू उसके अंगों को छू, वहशीपन अपना जिया होगा
कितना सिसकी होगी वो
कितना रोई होगी वो

अस्मिता सिंह
पत्नी-सुशील कुमार
गांव टांगपरा, पोस्ट मिश्रौलिया,बस्ती