परंपराएं हमारे समाज की आत्मा है : रामाशीष जी।
-ध्वज, धर्म और राष्ट्र की रक्षा करना ही हमारा उद्देश्य है : राजमाता आसमा सिंह।
बस्ती। आज दिनाँक 31 अगस्त, 2023 दिन बृहस्पतिवार देर शाम बस्ती शहर के प्रतिष्ठित होटल बालाजी प्रकाश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बस्ती नगर द्वारा रक्षाबन्धन पर्व का भव्य कार्यक्रम मनाया गया।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता व मुख्य अतिथि मा. रामाशीष जी वरिष्ठ प्रचारक, प्रज्ञा प्रवाह, क्षेत्र बिहार व पूर्वी उत्तर प्रदेश, संगठन मंत्री रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज माता आसमा सिंह जी ने की।
कार्यक्रम की शुभारंभ भारत माता, पूज्य डॉ. केशवराव बलिराम हेडगवार और गुरूजी की चित्र के सामने मा. रामाशीष जी द्वारा दीप प्रज्वलित कर और परम पवित्र भगवा ध्वज को रक्षासूत्र बांधकर किया गया।
मुख्य अतिथि मा. रामाशीष जी ने कहा कि रक्षाबंधन पर्व उत्सव धार्मिक ही नही , सामाजिक पर्व भी है।
मुख्य अतिथि जी ने रक्षाबंधन पर्व को पौराणिक कहानी से जोड़ते हुए रक्षाबंधन पर्व के महत्व को विस्तार से बताया। उन्होने कहा कि ‘रक्षा बंधन’ शब्द का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अर्थ है। रक्षा का अर्थ है सुरक्षा और बंधन का अर्थ है बंधन। यह एक भाई और बहन के बीच प्यार और सुरक्षा के पवित्र बंधन का उत्सव है। यह त्योहार प्रेम और सद्भाव का प्रतीक है।
उन्होंने अपनी बातें पौराणिक कहानी के माध्यम से प्रस्तुत किया कि राखी से जुड़ी एक सुंदर घटना का उल्लेख महाभारत में मिलता है। सुंदर इसलिए क्योंकि यह घटना दर्शाती है कि भाई-बहन के स्नेह के लिए उनका सगा होना जरूरी नहीं है। कथा है कि जब युधिष्ठिर इंद्रप्रस्थ में राजसूय यज्ञ कर रहे थे उस समय सभा में शिशुपाल भी मौजूद था। शिशुपाल ने भगवान श्रीकृष्ण का अपमान किया तो श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से उसका वध कर दिया। लौटते हुए सुदर्शन चक्र से भगवान की छोटी उंगली थोड़ी कट गई और रक्त बहने लगा। यह देख द्रौपदी आगे आईं और उन्होंने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर श्रीकृष्ण की उंगली पर लपेट दिया। इसी समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को वचन दिया कि वह एक-एक धागे का ऋण चुकाएंगे। इसके बाद जब कौरवों ने द्रौपदी का चीरहरण करने का प्रयास किया तो श्रीकृष्ण ने चीर बढ़ाकर द्रौपदी के चीर की लाज रखी। कहते हैं जिस दिन द्रौपदी ने श्रीकृष्ण की कलाई में साड़ी का पल्लू बांधा था वह श्रावण पूर्णिमा की दिन था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही राजमाता आसमा सिंह ने अपने संबोधन में बहनों का आह्वान किया कि आप भी राष्ट्र रक्षा के महायज्ञ में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें साथ ही विश्व को सहिष्णुता से मानवता का संदेश देना है।
कार्यक्रम का संचालन जिला बौद्धिक प्रमुख राजेश कुमार मिश्र ने किया। कार्यक्रम में एकल गीत वायुनन्दन, गणगीत आशीष, प्रार्थना सुधांशु, अमृत वचन शिवेंद्र व मुख्य शिक्षक अभिनव जी रहे।
कार्यक्रम में बस्ती के विभाग संघ चालक मा0 नरेंद्र भाटिया, जिला संघ चालक मा0 पवन तुलस्यान, सह नगर संघ चालक सुनील मिश्र, विभाग प्रचारक अजय नारायण, विभाग कार्यवाह आशीष, जिला प्रचारक अभय, जिला कार्यवाह श्रीराम, प्रान्त समरसता प्रमुख सुभाष जी, अभय पाल, मोतीलाल, वीरेंद्र, नीरज, धर्मराज, अनुराग, दिलीप, मधुरेश, नीरज सिंह, गोपेश पाल, गोविन्द सिंह, संतोष, भानु प्रकाश, प्रियंका, राहुल आदि के साथ हजारों की संख्या में नगर के नर नारी व बच्चे उपस्थित रहे।