Sunday, May 19, 2024
साहित्य जगत

तभी दिवाली सार्थक,मिले खुशी भरपूर

तभी दिवाली सार्थक,मिले खुशी भरपूर ।
भास्कर पूरी तरह हो अंधकार जब दूर ।।

आज भास्कर मत करो मन में कोई प्रश्न ।
दिवाली का पर्व है खूब मनाओ जश्न ।।

मगर पटाखे का करो मत तुम इस्तेमाल ।
बस फुलझड़ियां छोड़कर हो लो अति खुशहाल।।

ज्योति जलाओ इस तरह हो तम कुल का नाश ।
भास्कर फैले धरा पर नूतन दिव्य प्रकाश।।

सभी लोग सुख से रहे, हो चहूंओर विकास ।
यही कामना लक्ष्मी घर-घर करे निवास।।

डॉ भास्कर शर्मा
वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक इटवा, ,सिद्धार्थ नगर, (उत्तर प्रदेश)