Thursday, July 4, 2024
साहित्य जगत

कोरोना ने सुखद स्वप्न का….

 

कोरोना ने सुखद स्वप्न का,
दर्पण चकनाचूर कर दिया।
हर मानव को घर पर रहने को,
कैसा मजबूर कर दिया।

बड़ा मिशन भी शुरू हो गया,
मानवता किस तरह बचाए।
त्राहि त्राहि मच गया चतुर्दिक,
मन पंक्षी किस डाली जाए।

आयी कैसी घोर त्रासदी,
बिखर गया खुशियों का तिनका।
बीत गए कितने दिन लेकिन,
हुआ नहीं अब तक मन हल्का।

डॉ. वी. के. वर्मा
चिकित्साधिकारी,
जिला चिकित्सालय बस्ती।