Sunday, May 19, 2024
हेल्थ

इलाज के साथ हर्बल पौधों का महत्व भी बताएंगे आयुर्वेदिक अस्पताल

बस्ती। राजकीय आयुर्वेदिक अस्पतालों में इलाज के साथ ही हर्बल पौधों का महत्व भी मरीजों व तीमारदारों को बताया जाएगा। इसके लिए आयुर्वेदिक अस्पतालों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचालित करने के साथ ही वहां हर्बल गार्डेन भी विकसित किए जा रहे हैं। गार्डेन में लगे पौधों से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी फायदे को लोगों को बताया जाएगा। लोगों को अपने घर के पास हर्बल पौधे लगाने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा, जिससे लोग इलाज की पुरानी पद्धति का लाभ उठा सकें।

हर घर पहुंच रहा आयुर्वेद का संदेश
आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमाकांत का कहना है कि देश अपनी विरासतों और धरोहरों को सहेजने में लगा है। केंद्र सरकार के प्रयासों से विश्व, आयुर्वेद एवं योग की महत्ता स्वीकार कर चुका है। वर्ष 2015 से धनतेरस को आयुर्वेद दिवस के रुप में मनाया जा रहा है और ‘हर दिन हर घर आयुर्वेद’ कार्यक्रम के तहत आयुर्वेद के विचारों को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। हर्बल गार्डेन कार्यक्रम इसी की एक कड़ी है।
उन्होंने बताया कि हमारे घर के आस-पास, बागीचे व खेत में ऐसे पौधे होते हैं, जो हमारे लिए काफी उपयोगी हैं। उनसे कई बीमारियों का इलाज हो सकता है। उनके प्रति अनजान होने के कारण लोग फायदा नहीं उठा पाते हैं। हर्बल गार्डेन के जरिए इन उपयोगी पौधों की पहचान कराकर उनके इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जाएगा।

इन पौधों की उपयोगिता जानिए-
तुलसी – औषधीय पौधा है। आयुर्वेद में तुलसी को ज्वर नाशक, कफ एवं प्रतिश्याय को नष्ट करने वाला कहा गया है। इसकी पत्तियों का प्रयोग अदरक एवं काली मिर्च के साथ काढ़े के रूप में किया जाता है।

एलोवेरा- क्वारगंदल या ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है, एक औषधीय पौधे के रूप में विख्यात है। गर्मी के मौसम में पीले रंग के फूल उत्पन्न होते हैं, इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन या क्रीम में होता है। आयुर्वेद में वर्णित कुमार्यासव उदर रोग एवं महिलाओं के रोग की यह प्रमुख औषधि है।

गिलोय- एक प्रकार की बेल है जो आमतौर पर जगंलों-झाड़ियों में पाई जाती है। प्राचीन काल से ही यह आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर इस्तेमाल हो रहा है। इसके फायदों को देखते हुए अब लोगों में इसके प्रति जागरुकता बढ़ी है, और गिलोय की बेल अपने घरों में लगाने लगे हैं। आयुर्वेद में यह सभी प्रकार के बुखार में उपयोगी है। इसके तने का रस सभी ज्वर के लिए उत्तम औषधि है।

आंवला-चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए आंवला का उल्लेख मिलता है। आंवला वह औषधि है, जो शरीर के दोष को मल के द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है।

11 अस्पतालों में हो रहा हर्बल गार्डेन का विकास
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. वीके श्रीवास्तव की देख-रेख में 11 आयुर्वेदिक अस्पतालों में हर्बल गार्डन का विकास किया जा रहा है। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय पोखरा के प्रभारी डॉ. रमाकांत द्विवेदी ने बताया की गार्डेन की मदद से अपने आस पास उपस्थित पौधों के औषधीय गुणों से रोगियों को परिचित कराया जाएगा। तुलसी , गिलोय, नीम, दूर्वा, सुदर्शन, एलोवेरा, आवला के पौधों को रोपित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।