Sunday, May 19, 2024
बस्ती मण्डल

देश में अघोषित इमरजेंसी का माहोल है,सत्ता के खिलाफ और बोलने वालों को मौन करा दिया गया है-वीरेन्द्र चौधरी

बस्ती, 05 नवम्बर। देश में दो राजनीतिक दलों की विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है। एक नफरत फैला रहा है दूसरा प्यार मोहब्बत और अमन चैन चाहता है। एक जाति, धर्म और गरीब अमीर के नाम पर देश के टुकड़े कर रहा है तो दूसरा पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक भारत को जोड़ने निकला है। जनता को फैसला करना होगा कि देश हित में किस विचारधारा को समर्थन देकर आगे बढ़ाना होगा और किसे हतोत्साहित कर सत्ता से बेदखल करना होगा।

यह बातें कांग्रेस के पूर्वी जोन के प्रभारी एवं फरेन्दा विधायक वीरेन्द्र चौधरी ने कही। वे पार्टी दफ्तर पर आयोजित कांग्रेसजनों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने आगे कहा कांग्रेस के हर कार्यकर्ता को राहुल गांधी से सबक लेना चाहिये। इतने बड़े नेता होते हुये वे 55 दिनों से भारत यात्रा में पैदल चल रहे हैं, कंटेनर में सो रहे हैं। कांग्रेस विधायक ने कहा कांग्रेस को मजबूत करने के लिये हर कार्यकर्ता रोजाना दो घण्टे का समय निकाले, निश्चित रूप में पार्टी में मजबूती आयेगी और हम संविधान विरोधी अहंकारी सरकारों को उखाड़ फेकने में कामयाब होंगे।

उन्होने कहा देश में अघोषित इमरजेंसी का माहोल है। सत्ता के खिलाफ और बोलने वालों को मौन करा दिया गया है। जनता के हित की लड़ाई लड़ने के लिये कांग्रेस ही ऐसा दल है जो सड़कों पर है। कांग्रेस विधायक ने कहा दूसरे दल प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की तरह चल हैं। चुनाव आते ही वातानुकूलित कमरों में आराम फरमा रहे उनके लीडर मंच पर दिखने लगेंगे। कांग्रेस दलित, पीड़ित, दबे कुचले लोगों की आवाज है। यह एक ऐसा दल है जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष का लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चयन होता है और दूसरे दल में मुखिया जिस पर उंगली रख देता है वह अध्यक्ष हो जाता है। उन्होने जनता का भी आवाह्न किया, कि अवसरवादी ताकतों को करारा जवाब देते हुये कांग्रेस को अवसर दें जिससे नफरत की आग बुझे और अगड़े पिछड़े, अमीर गरीब सभी के तरक्की का रास्ता खुले।

इससे पहले कांग्रेसजनों ने फूल मालाओं से वीरेन्द्र चौधरी का स्वागत किया। बस्ती शहर में प्रवेश करते ही जगह जगह कांग्रेस के लोग फूल मालाओं के साथ अपने नेता के इंतजार में खड़े रहे। पार्टी पर आयोजित बैठक में प्रमुख रूप से कर्मराज यादव, जयकरन वर्मा, पूर्व विधायक अनूप पाण्डेय, रामजियावन, डा. आरजी सिंह, विवेक श्रीवास्तव, अलिरूद्ध त्रिपाठी, देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, प्रेमशंकर द्विवेदी, बाबूराम सिंह, नर्वदेश्वर शुक्ला, गिरजेश पाल, रामभवन शुक्ला, डा. शीला शर्मा, मंजू पाण्डेय, गायत्री गुप्ता, सूर्यमणि पाण्डेय, प्रमोद द्विवेदी, पंकज द्विवेदी, जेपी अग्रहरि, सुरेन्द्र मिश्रा, विश्वनाथ चौधरी, राकेश पाण्डेय, विनोदरानी आहूजा, नीलम विश्वकर्मा, कंचन विश्वकर्मा, नफीस अहमद, अतीउल्लाह सिद्धीकी, अवधेश सिंह, ज्ञान प्रकाश पाण्डेय सहित सैकड़ों कार्यकर्ता व पदाधिकारी मौजूद रहे।