Thursday, July 4, 2024
साहित्य जगत

दुश्वारियां’ गज़ल संग्रह का विमोचन

दुनिया वाले तेरी सूरत देखेंगे

बस्ती। रविवार को पंडित अटल बिहारी बाजपेई प्रेक्षागृह में ‘दुश्वारियां ’ गज़ल संग्रह का विमोचन एवं कवि सम्मेलन मुशायरा का भव्य आयोजन किया गया । आयोजन अशरफ अली और अभिषेक श्रीवास्तव विरल ने किया । यह पुस्तक अशरफ अली ,दीपक दुबे और आफताब आलम की गजल संग्रह है ।
पुस्तक का विमोचन में भाजपा जिला अध्यक्ष महेश शुक्ला ,जिला विकास अधिकारी ,रण बहादुर सिंह प्रबंधक हंसराज इंटर कॉलेज, विनय शुक्ला, राहुल सिंह, जगदीश शुक्ल, प्रदीप पाण्डेय ,विनोद उपाध्याय शामिल। संचालन मानवी सिंह ने किया। विमोचन के बाद आयोजित कवि सम्मेलन मुशायरा जगदीप सिंह दीप के संचालन में हुआ।
कवि सम्मेलन, मुशायरा में कार्यक्रम की शुरुवात डॉ शिवा त्रिपाठी सरस जी ने सरस्वती वंदना सुनाकर की । लखनऊ के शायर हर्षित मिश्र ने ‘दुनिया वाले तेरी सूरत देखेंगे, हम बस तुझसे अपनी निस्बत देखेंगे’ । लखनऊ के ही शायर जनाब शादाब जावेद ने ‘यह रोज-रोज का मिलना तो ठीक है’ लेकिन तेरी नजर में मेरी अहमियत ना घट जाए’ सुनाकर वाह वाही लूटी। अभिषेक श्रीवास्तव विरल की पंक्ति ‘ मैं उसका फोन नंबर चाहता हूं , अशरफ अली की पंक्ति ‘मसला पहली वाली का’ , आफताब की पंक्ति ‘धीमा न जान उसको खबरदार तेज है, अफजल जी की पंक्ति ‘बेकरारी करार में गुजरे , विनोद उपाध्याय की ‘बढ़ रही देश मे है महंगाइर्, जुमला के मुल्क बस बयान में है’ से श्रोताओं के मन मोह लिया ।
कार्यक्रम में रंजीत चौधरी, सुधांशु रंजन, अब्दुल जफर, पाटन दीन मिश्रा, सत्येंद्र श्रीवास्तव, शाहिद, जमन, आशीष शुक्ला, अश्वनी श्रीवास्तव, राहुल श्रीवास्तव, नवीन श्रीवास्तव, जगदीश शुक्ला, मनमोहन श्रीवास्तव ‘काजू’ शुभम गुप्ता, मिनहाज उल हक, प्रशांत पाण्डेय के साथ ही जन सरोकारों से जुड़े लोग बड़ी संख्या में शामिल रहे।