Sunday, May 5, 2024
बस्ती मण्डल

गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल रहा माहुआ डाबर दरगाह का मेला, हिन्दुओं ने जलाए दीपक,तो मुस्लिमो ने जलाई अगरबत्ती

बस्ती।हजरत सैय्यद अब्दुल लतीफ शाह र.अ. का उर्स ए पाक प्रत्येक वर्ष अमावस्या की रात यानी दिवाली पर मेले के रूप मे मनाया जाता है

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बस्ती जिला मुख्यालय से लगभग 22 कि मी दूर ब्लाक बहादुरपुर दक्षिण गोविंदापुर( महुआ डाबर) स्थित सैय्यद लतीफ़ शाह की मजार गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है. मजार पर दोनों समुदायों (हिंदू-मुस्लिम) के लोग मन्नत मांगने के लिए श्रद्धा से जाते हैं.इसमें दोनों संप्रदाय के लोग जुटते हैं. यहां लोग कपूर, अगरबत्ती, लोहबान, दीपक से पूजा-इबादत करते हैं और खुरमा का प्रसाद चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं।
मान्यता है कि सच्चे मन से मजार पर पहुंचने वाले की मुराद जरूर पूरी होती है. आज भी यहां पर लोगों की भीड़ है
यहाँ दीपावली को मजार दीये की रोशनी से जगमगाते हैं,
ग्रामसभा पूरा पिरई निवासी निवासी वरिष्ठ समाजसेवी आदिल खान ने बताया कि लतीफ़ शाह बाबा के बारे में एक रोचक कहानी प्रचलित है.
कि किसी को मजाक सूझा और उसने हजरत से कहा कि आप कुत्ते से कलमा पढ़वाओ तो हम माने हजरत ने अल्लाह से दुआ की कुत्ता कलमा पढ़ने लगा।
और आसपास के इलाके में ये खबर आग की तरह फैल गई.”
माहुआ डाबर में अब्दुल लतीफ़ शाह के मजार पर हर गुरुवार को दोनों संप्रदाय के लोग जुटते हैं. अस्ताने( दरगाह) की कमेटी सभी मांगलिक कार्यक्रम लतीफ़ शाह बाबा के मजार पर संपन्न करते हैं. यहां के सालाना उर्स के आयोजन में दोनों संप्रदायों का योगदान होता है. मजार का रंग-रोगन भी दोनों संप्रदायों ने मिलकर कराते है.
इस बार उर्स की बड़े धूमधाम से मनाया गया
कई वर्षों से दिवाली पर आयोजन होता है। स्थानीय लोगों और बाहर से आए जायरीन गुलपोशी कर मन्नतें मांगते है।
मेले की व्यवस्था गोविंदापुर(महुआ डाबर) ग्राम प्रधान नूर मोहम्मद ,विधायक प्रतिनिधि मो नासिर खान, रोहुल्लाह, रमजान,तालिब , बब्लू , पवन प्रधान,डा.जहांगीर , डा.तस्लीम तथा दरगाह कमेंटी ने जनसहयोग से मेले का आयोजन किया।