Sunday, May 5, 2024
साहित्य जगत

इस धरा पर होने का अभिमान होना चाहिए…

इस धरा पर होने का अभिमान होना चाहिए।
देश की समृद्धि का अरमान होना चाहिए।
इस धरा पर होने का अभिमान होना चाहिए।
कायरो की टोलियां क्या खाक बाधा डालेंगी
नष्ट कर देंगे उन्हें हम अपने इक संधान से।
इस धरा पर होने का अभिमान होना चाहिए।
भाव में दुर्भाव का भी ज्ञान होना चाहिए।
चेहरे के भीतर की भी पहचान होना चाहिए।
इस धरा पर होने का अभिमान होना चाहिए।
दुष्प्रवृतियों का दमन अब त्वरित होना चाहिए।
हाथ में अब कलम की तलवार होना चाहिए।
इस धरा पर होने का अभिमान होना चाहिए।
देश की संबृद्धि का अरमान होना चाहिए

मानवी सिंह
(अध्यापिका)