Saturday, May 18, 2024
साहित्य जगत

महिला दिवस पर विशेष

नहीं चाहिए सारा आकाश

जीने को जीवन, जमीं पर
जगह चाहिए।
देवी,सती से विभूषित,
अलंकृत ना करो,
स्त्री हैं हम!
हमारे वजूद को स्वीकार करो,
हमें हमारे जीने की सिर्फ !
वजह चाहिए।
विचर सकें इस भूमि पर
विमुक्त, स्वछन्द, निर्भय
हमें हमारे अस्तित्व पर
फतह चाहिए।

आर्यावर्ती सरोज “आर्या”
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

विश्व की सभी महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 💐