Sunday, May 19, 2024
हेल्थ

जिम्मेदार ही लगा रहे है सरकार की योजनाओं पर पलीता

 बस्ती। स्वास्थ्य विभाग का नहीं थम रहा स्थानांतरण खेल, यह कहावत चरितार्थ है कि तू डाल- डाल मैं पात -पात जहां एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार, अपराध को दूर करने के लिए कटिबद्ध है वहीं, अधिकारी कर्मचारी पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं, बताते चलें कि इसी क्रम में जिला महिला चिकित्सालय की सिस्टर सोना वती मोरिया ने एक मुलाकात के दौरान बताया कि बीते 29 नवंबर 2017 को महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं महा निदेशालय उत्तर प्रदेश लखनऊ के आदेश संख्या 19 पदोन्नति/ 2016-17/ 51 52- 60 के अनुपालन में उपचारिका पद से सिस्टर पद पर पदोन्नत कर बीते 30 नवंबर को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला महिला चिकित्सालय ने अपने ही चिकित्सालय में पटल बदल कर योगदान करा दिया था तब से सोनावती मोरिया अपने पद का निर्वहन करती रही, उन्होंने बताया कि लगभग 2 वर्ष रिटायरमेंट बाकी है परंतु स्थानांतरण नीति 2022- 23 के तहत शासन के स्थानांतरण सूची में सिस्टर के स्थान पर उपचारिका व सोना वती मोरिया के स्थान पर सोनावती वर्मा, अंकित कर जिला महिला चिकित्सालय से मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोरखपुर के अधीनस्थ स्थानांतरण कर दिया गया है, जबकि मेरे बैच के कुछ लोगों का स्थानांतरण नहीं किया गया है, संज्ञान में आया है कि स्थानांतरण सूची में जान-बूझकर सिस्टर की जगह उपचारिका अंकित किया गया था, लेकिन अस्पताल प्रशासन उक्त फेरबदल को छिपाना चाह कर भी छिपा न पाया, क्योंकि योगदान करने के लिए दिए गए कार्य मुक्ति प्रमाण पत्र आदि प्रपत्र पर कंप्यूटर द्वारा टाइप उपचारिका को पेन से काटकर सिस्टर लिखा गया है, सोनावती मौर्य ने यह भी बताया कि जब वह सीएमओ कार्यालय गोरखपुर के अधीनस्थ योगदान देने गईं तो वहां बताया गया कि सीएमओ अधीनस्थ सिस्टर का योगदान यहां नहींहै, संभवत मुझे आपको वापस करना पड़ेगा, जिसे लेकर आज सोनावती मोरिया को झेलना पड़ रहा है और उनका मानसिक तनाव बढ़ गया है, और दुखी हैं, उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, अपर निदेशक स्वास्थ्य बस्ती मंडल बस्ती, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद लखनऊ को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है, जांच कराकर दोषियों को सजा देने की मांग की है, यह सत्य है कि सूची में उपचारिका यदि अंकित ना किया गया होता तो स्थानांतरण नहीं होता, बताते चलें कि एक छोटी सी‌ त्रुटि इंसान को जेल की सलाखों तक पहुंचा देती है, जिसे अधिकारी कर्मचारी खुलासा होने पर लिपिकीय त्रुटि कह कर पल्ला झाड़ देते हैं, अब देखना है कि उक्त अपराध को लेकर सोना वती मोरिया के साथ, प्रशासन व शासन क्या न्याय देती है।