Saturday, May 4, 2024
बस्ती मण्डल

14 अगस्त को देश का ही नहीं दिलों, रिश्तो भावनाओं का भी बटवारा हुआ

बस्ती । रविवार को जन शिक्षण संस्थान द्वारा चन्द्रकला देवी बालिका इण्टर कालेज बेलाडी के सभागार में विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस मनाने के साथ ही चित्र प्रदर्शनी लाई गई जिसमें 1947 के परिस्थितियों को अंकित किया गया था। लोकतंत्र रक्षक सेनानी रामानुज पाण्डेय ने कहा कि धर्म के नाम पर देश का दो टुकड़े हो जाना आज भी बेचैन कर देता है। यदि महात्मा गांधी ने संयम का परिचय दिया होता तो विभाजन रोका जा सकता था और पाकिस्तान जैसी समस्या भारत के समक्ष न होती।
गोष्ठी में निदेशक अजय कुमार उपाध्याय, राकेश मिश्र ने पाकिस्तान गठन की परिस्थितियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि विभाजन इतिहास की बड़ी भूल है। देश-दुनिया के इतिहास में 14 अगस्त की तारीख का प्रमुख स्थान है। भारत के इतिहास में यह दिन ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है। दरअसल अखंड भारत के आजादी के इतिहास में 14 अगस्त की तारीख आंसुओं से लिखी गई है। यही वह तारीख है जब देश का विभाजन हुआ। 14 अगस्त, 1947 को पाकिस्तान और 15 अगस्त, 1947 को भारत को पृथक राष्ट्र घोषित कर दिया गया। इस विभाजन में न केवल भारतीय उपमहाद्वीप के दो टुकड़े किए गए बल्कि बंगाल का भी विभाजन किया गया। बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से अलग कर पूर्वी पाकिस्तान बना दिया गया। यह 1971 के युद्ध के बाद बांग्लादेश बना। कहने को तो इसे देश का बंटवारा कहा गया, लेकिन यह दिलों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था।
कार्यक्रम में सुनील शर्मा, अभय उपाध्याय, अवनीश शुक्ला, अरूण मिश्र, श्रीमती रेनू श्रीवास्तव, अर्चना शुक्ल, रामनाथ के साथ ही विद्यालय की छात्रायें शामिल रही।