Tuesday, July 2, 2024
साहित्य जगत

तिरंगा

मेरे महबूब -ए- वतन, तुझपे कुर्बान जीवन

तेरी हिफाजत की खातिर, बांधा सर पे कफ़न

गर शहीद हो जाऊं, धरती मां की गोद में सो जाऊं
तिरंगा मुझे उढ़ाना, वंदे मातरम् गाना
मेरी चिता से रोशनी आएगी, तिरंगा बन जाएगी
‘धरती से अंबर तक, तिरंगा छा जाएगा।
गांव -शहर, हर घर तिरंगा लहराएगा
गूंजेगी बस आवाज यही——
मेरा देश तिरंगा, मेरा वेश तिरंगा
मेरी पहचान तिरंगा,मेरी शान तिरंगा
वंदे मातरम्, वंदे मातरम् वंदे मातरम्।

रीता पाण्डेय
जनपद बस्ती उत्तर प्रदेश
पिन -272001