Tuesday, July 2, 2024
बस्ती मण्डल

हमशक्ले पैगम्बर अली अकबर की याद में निकाला अलम व ताबूत

– शहीद की याद में इमामबाड़ा खुर्शीद मंजिल में हुआ मजलिस का अयोजन

बस्ती हजरत इमाम हुसैन के बेटे हजरत अली अकबर की याद में सोमवार को गांधी नगर में अलम व ताबूत का जुलूस निकाला गया। गांधी नगर में निकाले गए जुलूस में सोगवारों ने कर्बला के शहीदों की याद में नौहा पढ़ा और मातम किया।
इमामबाड़ा खुर्शीद मंजिल, निकट ईदगाह में जुलूस से पूर्व मजलिस का आयोजन हुआ। मजलिस को सम्बोधित करते हुए मौलाना मोहम्मद हैदर खां ने कहा कि इमाम के बेटे अली अकबर की शक्ल व आवाज पैगम्बरे-इस्लाम से मिलती-जुलती थी। इमाम को जब अपने नाना की याद आती थी तो वह अली अकबर की जियारत कर लिया करते थे। दसवीं मोहर्रम को कर्बला के मैदान में इमाम ने अली अकबर को सुबह की अजान देने का हुक्म दिया। लोगों को पैगम्बर की याद ताजा हो गई, लेकिन सत्ता के भूखे यजीदियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
इमाम ने काफी भरे मन से अली अकबर को कर्बला में जंग की इजाजत दी। तीन दिन का भूखा व प्यासा 18 साल का यह युवा काफी बहादुरी से लड़ा। यजीदियों ने धोखे से हमला कर उसे शहीद कर दिया।
उन्होंने कहा कि यजीदी जब शहीदों का सिर भाले पर बुलंद कर शहरों से गुजर रहे थे, तो अली अकबर, मासूम अली असगर सहित अन्य हाशिमी युवाओं के नूरानी चेहरे को देखकर लोग रोने लगते थे। इन चेहरों ने यजीदी हुकूमत के खिलाफ इंकलाब बरपा कर दिया था।
सफदर रजा, शम्स आबिद, अयान, फरजान, मोहम्मद, सुहेल हैदर, शिराज हैदर, सोनू, हामरान, तकी हैदर, मुन्ने, हसन जावेद, शीलू, जावेद, मानू सहित अन्य जुलूस में शामिल रहे।
सोमवार रात में इमामबाड़ा सगीर हैदर से गांधी नगर में जुलजुनाह का जुलूस निकाला गया। जुलजुनाह इमाम हुसैन के घोड़े का नाम था। इसकी वफादारी भी कर्बला की घटना के समय चर्चा में रही। इमाम के मानने वाले इस घोड़े की वफादारी को याद कर जुलूस निकालते हैं। जुलूस इमामबाड़ा शाबान मंजिल में समाप्त हुआ।

पुरानी बस्ती में निकाला गया जुलजुनाह का जुलूस
पुरानी बस्ती में रविवार की रात ऐतिहासिक जुलजुनाह का जुलूस निकाला गया। मोहर्रम के आयोजनों में बस्ती जिले में यह काफी कदीम आयोजन शुमार किया जाता है। दक्षिण दरवाजा से शुरू हुआ यह जुलूस मंगल बाजार, करूआ बाबा होते हुए सुर्ती हट्टा मोड़ पर जाकर समाप्त हुआ। जुलूस का मुख्य आकर्षण जुलजुनाह रहा। लोगों ने अकीदत में घोड़े को मिठाई व अन्य चीजे खिलाकर दुआएं की। जुलूस में शामिल युवा अखाड़े में तलवार, लाठी आदि का करतब दिखाकर अपने कौशल का प्रदर्शन कर रहे थे।