Tuesday, July 2, 2024
साहित्य जगत

भूला है न भूलेंगे न भूलने देगे

न भूला है न भूलेंगे
न भूलने देगे ।
आओ कहे फिर से वही अनूठी कहानी।

आओ जगाए सोती जवानी, सोया बचपन
भरदे जोश वही
आज का युवान
जहाँ छोटी सी वस्तु के लिए निज मान को भी रहन कर देते हैं पल में।
आओ मित्रो सुनाए कहानी इस अखण्ड वीरता से परिपूर्ण ओजस्वी वीर
पुरुष राणा की कहानी आओ वीरों की गाथा को गूंथे शब्दों की माला मे
और गुनगुना लोरी
सुनकर जिसे बड़े हो
नौनिहाल ।
भरे हृदय में निज
स्वाभिमान और देश की
आन ,मान ,शान का भाव प्रबल !!
क्या जीवन ऐसा जीवन जो निज राष्ट्र से
प्रेम न कर सके
राणा जैसे तो नही कम से कम परछाई तो बन पाऐ !!
चेतक शौर्य का द्योतक बन अब भी इतराता है। सुनते हैं वीर पदचाप हृदय में उसकी
चलो करे नमन मेवाड़ के इस अजर अमर बलिदानी को जो दे गया , जो लिख गया ,अमर अमिट कहानी।
जय हिन्द जय भारत गौरव।

स्वरचित
डाक्टर महिमा सिंह
लखनऊ(उत्तर प्रदेश)