Sunday, July 7, 2024
साहित्य जगत

प्रकृति-नटी की सत्ता ’वर्मा’….

प्रकृति-नटी की सत्ता ’वर्मा’,

करो हृदय से तुम स्वीकार।
अधिक से अधिक पेड़ लगाकर,
करो आक्सीजन तैयार।

सूख गये तालाव जलाशय,
जंगल नष्ट कर रहे लोग।
इसीलिए तो भाॅति-भाॅति का,
फैला है धरती पर रोग।

बिना आक्सीजन केे ’वर्मा’,
जीवन का क्या है अभिप्राय।
बृक्ष लगाओ, बिना बृक्ष के,
मानव का जीवन निरूपाय।

डा० वी० के० वर्मा,
चिकित्साधिकारी,

जिला चिकित्सालय-बस्ती।