Saturday, June 29, 2024
साहित्य जगत

पत्रकारिता दिवस पर विशेष

पत्रकार कार के पहिया
बन कर ,कहां कहां की खबरें हम तक पहुँचाते ।
खबरों को पंख पत्रकार ही तो लगाते ।
कभी निज आंखों देखा सच हमको अपने पत्रकारिता के कौशल से दिखलाते हैं ,तो कभी
संपादकीय कौशल से ज्वलंत और गंभीर विषय
भी सरल भाषा में लिख समझाते ।
इन के लिए सब है एक समान ।
हर एक पहलू महत्वपूर्ण तभी जो बने खबर और लेते खबर हर एक घड़ी की।
होते हैं ये भी कई किस्म के
आदत से मजबूर कर रखा है बंटवारा यहां भी हमने-तुमने ।
चाहे जो हो पर बनना चाहते सभी नंबर वन ।आते जाते खोदे खबरे दिन हो या हो रात या फिर भरी दुपहरी या चाहे हो बरसात या आए तुफान,
चाहे चल रही हो गोलियां युद्ध की , लाते ढूंढ कर खबरें वहां से भी।
निडरता
है इनकी पक्की दोस्त।
है ये सर्वत्र व्याप्त।
न थकते ना रुकते
लाते ढूंढ कर खबरें चारों दिशाओं से हर हाल में कराते अपडेट हमें
न थकते न थमते लाते ढूंढ़ कर कराते अपडेट ।
सोते हुए भी जागे से ये।
यत्र- तत्र सर्वत्र है ये ।
है आपका योगदान अतुलनीय महिमा करती वंदन अभिनंदन आप समस्त पत्रकार मनीषियों
का। होते ये भी शहीद निज देश के लिए, करते रक्षा देश ,जन, काल की रहते सजग हो जाते खामोशी से
विलग हम तुम भी कितनी जल्दी भूल इन्हें जाते हैं आओ बदले आदत अपनी
हम रखें इन्हें सर आंखों पर इनको भी है ये सच के सिपाही।
जब रचनाएं हमारी छपती जाने अनजाने आपको कितने प्रसन्न हृदयों
की दुआएं मिलती । बिना रुके बिना थके फिर चल पड़ते नई खबर की तलाश में।
महिमा करती है धन्यवाद हृदय से आप सभी को मन से सच्चे और सज्जन पत्रकार होने के लिए क्योंकि यह बहुत मायने रखता है।।
पत्रकार दिवस की हृदय से शुभकामनाएं।

पत्रकार कार के पहिया
बन कर ,कहां कहां की खबरें हम तक पहुँचाते ।
खबरों को पंख पत्रकार ही तो लगाते ।
कभी निज आंखों देखा सच हमको अपने पत्रकारिता के कौशल से दिखलाते हैं ,तो कभी
संपादकीय कौशल से ज्वलंत और गंभीर विषय
भी सरल भाषा में लिख समझाते ।
इन के लिए सब है एक समान ।
हर एक पहलू महत्वपूर्ण तभी जो बने खबर और लेते खबर हर एक घड़ी की।
होते हैं ये भी कई किस्म के
आदत से मजबूर कर रखा है बंटवारा यहां भी हमने-तुमने ।
चाहे जो हो पर बनना चाहते सभी नंबर वन ।आते जाते खोदे खबरे दिन हो या हो रात या फिर भरी दुपहरी या चाहे हो बरसात या आए तुफान,
चाहे चल रही हो गोलियां युद्ध की , लाते ढूंढ कर खबरें वहां से भी।
निडरता
है इनकी पक्की दोस्त।
है ये सर्वत्र व्याप्त।
न थकते ना रुकते
लाते ढूंढ कर खबरें चारों दिशाओं से हर हाल में कराते अपडेट हमें
न थकते न थमते लाते ढूंढ़ कर कराते अपडेट ।
सोते हुए भी जागे से ये।
यत्र- तत्र सर्वत्र है ये ।
है आपका योगदान अतुलनीय महिमा करती वंदन अभिनंदन आप समस्त पत्रकार मनीषियों
का। होते ये भी शहीद निज देश के लिए, करते रक्षा देश ,जन, काल की रहते सजग हो जाते खामोशी से
विलग हम तुम भी कितनी जल्दी भूल इन्हें जाते हैं आओ बदले आदत अपनी
हम रखें इन्हें सर आंखों पर इनको भी है ये सच के सिपाही।
जब रचनाएं हमारी छपती जाने अनजाने आपको कितने प्रसन्न हृदयों
की दुआएं मिलती । बिना रुके बिना थके फिर चल पड़ते नई खबर की तलाश में।
महिमा करती है धन्यवाद हृदय से आप सभी को मन से सच्चे और सज्जन पत्रकार होने के लिए क्योंकि यह बहुत मायने रखता है।।
पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

©डाक्टर महिमा सिंह
लखनऊ (,उत्तर प्रदेश)