Tuesday, May 21, 2024
बस्ती मण्डल

योगी सरकार में पशु डॉक्टर कर रहे हैं मृत गौवंश का इलाज़!

बस्ती। कलवारी थाना अंतर्गत चकदहा चौराहे पर गंभीर रूप से घायल एक निराश्रित गौवंश लंबे समय से दर ब दर भटकते हुए इलाज़ के अभाव में मौत का शिकार हो गया और पशु चिकित्सक मृत गौवंश के इलाज़ में लगे हैं।

घटना मार्च महीने की है जब स्वतंत्र पत्रकार प्रभाकर ने पशु चिकित्सकों को शिकायत देकर अगाह किया था कि अगर समय पर इस गौवंश को बेहतर इलाज नहीं मिला तो जान तक जा सकती है। गौवंश अति गंभीर स्थिति में है और इसके सिर से एक रस्सी बंधी है जहां पर गहरा घाव होने से लगतार खून टपक रहा है। बावजूद इसके चिकित्सकों की लापरवाही ने गौवंश की जान ले ही ली। फिर भी जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित सभी पशु चिकित्सक फाइलों में लगातार आदेश – निर्देश और इलाज़ करते रहे।

बीते मंगलवार जब स्वतंत्र पत्रकार प्रभाकर स्टोरी फॉलोअप और हकीकत जानने के मकसद से चकदहा में गौवंश को ढूंढ़ने निकले तो गौवंश के न दिखाई देने पर चौराहे पर कुछ दुकानदारों से बातचीत की जो उसके बारे में पहले से जानते थे लेकिन उन्होंने लंबे समय से उसे न देखे जाने के बात बताई। फिर सच्चाई का पता लगाने के लिए चकदहा के ग्राम प्रधान अमरेंद्र से बात करने गए। ग्राम प्रधान ने बताया कि एक दो बार सांड पकड़ने की कोशिश हुई थी लेकिन पकड़ा नहीं जा सका। घायल गौवंश गंभीर स्थिति में था जिसके चलते उसकी मृत्यु हो गई। गांव के लोगों के चंदे से हमने ही उसको दफन करवा दिया।

जब कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, बस्ती ने 30 मार्च को जिलाधिकारी बस्ती को दी गई आख्या मे कहा है कि “मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के देख रेख में इलाज करवा दिया गया है।”

इसी क्रम में 13 अप्रैल को मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, बस्ती ने मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम का गठन कर जांच का आदेश भी दिया था। लेकिन ये सारी कागजी कार्यवाही बेमानी बनी रही।

विडंबना यही है कि गांव वालों ने जिस गौवंश के उपचार के लिए राख, मिट्टी का तेल आदि डाल कर गौवंश को ठीक करने की जद्दोजहद की थी उन्हीं लोगों को ही अपने चंदे के पैसे से मृत गौवंश को दफन भी करना पड़ा। सरकारों व ज़िम्मेदारों के लिए इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है।