Monday, May 6, 2024
हेल्थ

शत प्रतिशत नियमित टीकाकरण के लिए संवाद और लीडरशीप पर दें जोर

गोरखपुर।मिशन इंद्रधनुष 4.0 के संबंध में एनेक्सी भवन में शनिवार को हुई ड्रिस्ट्रक्ट टास्क फोर्स (डीटीएफ) की बैठक में जिलाधिकारी ने विस्तृत दिशा-निर्देश दिये । उन्होंने शत प्रतिशत नियमित टीकाकरण के लिए समुदाय से संवाद बढ़ाने और लीडरशीप की भावना के साथ काम करने पर जोर दिया । कोविड के कारण नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों को ईंट भट्टा मालिकों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पंचायत सहायकों और रोजगार सेवकों की मदद से भी टीके का लाभ दिलाने पर चर्चा हुई ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के माध्यम से पांच साल तक के बच्चों को 12 प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए निःशुल्क टीके लगाए जाते हैं । इन टीकों के लिए अभिभावकों को पांच साल में सात बार बच्चों को टीकाकरण सत्र तक लाना होता है । कोविड और कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के कारण जो बच्चे नियमित टीकाकरण से वंचित रह गये हैं उनके लिए तीन चरणों में मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान चलना है। पहले चरण का अभियान सात मार्च को, दूसरे चरण का अभियान चार अप्रैल को और तीसरे चरण का अभियान दो मई को शुरू होगा । इसी संबंध में आयोजित डीटीएफ में जिलाधिकारी के माध्यम से वृहद मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है ।

डॉ. दूबे ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष के दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती के नियमित टीकाकरण पर फोकस होगा । अभियान में उन क्षेत्रों में विशेष जोर देकर सत्र आयोजित होंगे जहां कोविड के कारण नियमित टीकाकरण प्रभावित हुआ है । उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों, दो या दो से अधिक नियमित टीकाकरण सत्रों से वंचित क्षेत्रों, टीके से इनकार वाले क्षेत्रों, शहर की मलिन बस्तियों, मिजल्स और वीपीडी वाले इलाकों और प्राकृतिक आपदा ग्रसित क्षेत्रों में अभियान के दौरान विशेष जोर देकर टीकाकरण किया जाएगा ।

बैठक के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉ. संदीप पाटिल और यूनिसेफ के डीएमसी डॉ. हसन फहीम ने प्रस्तुति के जरिये टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाने की रणनीति पर चर्चा की। इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ. नंद कुमार, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एएन प्रसाद, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. एके प्रसाद, जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. गणेश यादव, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।

*पांच साल में सात बार, छूटे न टीका एक बार*

‘’पांच साल में सात बार, छूटे न टीका एक बार’’ का नारा दोहराते सीएमओ ने समुदाय से अपील की कि गर्भवती के लिए टीडी 1, टीडी 2 व टीडी बूस्टर, बच्चे के जन्म के समय ओपीवी 0, हेपेटाइटिस बी बर्थ डोज, बीसीजी, जन्म के छह सप्ताह के भीतर ओपीवी 1, रोटा 1, एफआईपीवी 1, पेंटावैलेंट1 व पीसीवी 1, 10 सप्ताह के भीतर ओपीवी 2, रोटा 2, पेंटावैलेंट 2, 14 सप्ताह के भीतर ओपीवी 3, रोटा 3, एफआईपीवी 2, पेंटावैलेंट 3, पीसीवी 2, 9 से 12 महीने के बीच एमआर1, जेई 1, पीसीवी बी, 16 से 24 महीने के बीच ओपीवी बी, डीपीटी बी 1, एमआर 2, जेई टू, 5 से 6 साल के बीच डीपीटी बी 2, 10 साल की उम्र पर टीडी और 16 साल की उम्र पर लगने वाला टीडी टीका स्वास्थ्य विभाग निःशुल्क उपलब्ध कराता है। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता और एएनएम की मदद लेकर नियमित टीकाकरण अवश्य करवाएं ।

*किशोरों का शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण हो*

जिलाधिकारी ने डीटीएफ के दौरान कोविड टीकाकरण कार्यक्रम की भी समीक्षा की और निर्देश दिया कि 15 से 17 आयुवर्ग के किशोरों का शत प्रतिशत टीकाकरण हो । एक हफ्ते के भीतर कोविड टीकाकरण के पात्र लाभार्थियों का 80 फीसदी टीकाकरण कर लिया जाए । 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों का शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए।