Saturday, May 18, 2024
बस्ती मण्डल

ह्यूमन सेफ लाइफ फाउंडेशन ने सदर ब्लाक परिसर में प्राथमिक चिकित्सा पर कार्यशाला का आयोजन किया

बस्ती। जिला ग्राम्य विकास संस्थान की ओर से चल रहे आपदा प्रबंधन से सम्बंधित विभिन्न जिलों के लेखपालों को प्रशिक्षित किये जाने की कड़ी में सदर ब्लाक परिसर में प्राथमिक चिकित्सा पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। सामाजिक संस्था ह्यूमन सेफ लाइफ फाउण्डेशन के चेयरमैन एवं रेडक्रास ट्रेनर रंजीत श्रीवास्तव ने संतकबीर नगर मेँ मेंहदावल के लेखपालों को आपदा की स्थिति में लोगों की जान बचाने के लिये प्राथमिक उपचार की जानकारी दी।

प्रशिक्षण के दौरान रंजीत श्रीवास्तव ने बताया कि प्राथमिक चिकित्सा का सबसे मुख्य उद्देश्य होता है घायल या पीड़ित व्यक्ति की जान बचाना। किसी की जान बचने के लिए आप हमेशा डॉक्टर पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। ऐसा संभव नहीं है कि घटनास्थल पर हमेशा कोई डॉक्टर मौजूद हो, इसीलिए सही तरीके से प्राथमिक चिकित्सा देने से घायल व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। कुछ मामलों में, प्राथमिक चिकित्सा रोगी के ठीक होने की प्रक्रिया में मदद करती है। जिन लोगों को प्राथमिक चिकित्सा करनी आती है, उन्हें छोटे से कट से लेकर फ्रैक्चर की स्थिति में किए जाने वाले इलाज के बारे में पता होता है।

प्राथमिक चिकित्सा का उद्देशय घायल व्यक्ति की स्थिति और घावों को बिगड़ने व बढ़ने से रोकना। किसी को प्राथमिक चिकित्सा देने का मतलब है कि आप उस व्यक्ति को खतरे से बचा रहे हैं या उसका खतरा कम कर रहे हैं। जैसे, आग से जल रहे व्यक्ति के ऊपर कंबल देना उसे आग से बचाएगा और उसके लिए फर्स्ट ऐड का काम करेगा। अगर पीड़ित व्यक्ति को सही समय पर प्राथमिक चिकित्सा न दी जाए तो उसकी स्थिति अधिक बिगड़ सकती है। मदद का इंतज़ार करते समय आप उस व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा देकर उसकी स्थिति बेहतर कर सकते हैं। अगर फर्स्ट ऐड बॉक्स उपलब्ध नहीं है, तो आप आपातकालीन स्थिति में घर में मौजूद अन्य चीज़ों का इस्तेमाल करना सीख सकते हैं।

प्रशिक्षण के दौरान रंजीत श्रीवास्तव ने लेखपालों को दिल का दौरा पड़ने, हाथ पैर कट जाने या टूट जाने, शॉक लगने, पानी में डूबने, सांस रूक जाने, जलने, सांप, कुत्तों व बंदरों के काटने, सीपीआर द्वारा मानव जीवन को बचाने पर दिये जाने वाले प्राथमिक उपचार का महत्व और इसके तरीके बताये। उन्होने बताया कि प्राथमिक उपचार के द्वारा कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना कि चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में व लगने वाले समय में कम से कम हानि हो। प्रशिक्षण के दौरान जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ विवेक कुमार, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी रंजीत रंजन, मुकेश कुमार, पवन चौधरी, डॉ एल के पांडेय, रणविजय सिंह, अपूर्व शुक्ल, नवीन पाण्डेय, प्रतीक भाटिया सहित कई लोग मौजूद रहे।