Sunday, May 5, 2024
साहित्य जगत

हिन्दी हमारी आन बान और शान है। हम हिन्दी से हैं, हिन्दी हमारी पहचान है।।

हिन्दी है उन्नति का पथ

हिन्दी करती सत्य मार्ग प्रशस्त,
हिन्दी भावों का व्यंजन है,
ये देश प्रेम अनुबंधन है,
हिन्दी है दिलों की अभिलाषा,
फलती फूलती इसमें आशा,
हिन्दी हम सब का गौरव है,
हिन्दी में सुरभि -सौरभ है,
हिन्दी हिन्दुस्तान की जान है
हिन्दी ने बढ़ाया मान है,
हिन्दी भारत की भाषा है,
ये हर दिल की परिभाषा है,
हर सोच में है,हर सपने में,
गैरों में भी है अपनों में ,
हिन्दी हिन्द की प्रतिष्ठा है,
प्रत्येक दिलों की निष्ठा है,
हिंदी हिन्द का मुकुट बना
अब हिन्दी ही जड़ हिन्दी ही तना,
पत्ता -पत्ता डाली -डाली,
हर माली करे रखवाली,
हिन्दी को हम सब सींचेंगे
हम हिन्दी पहले सीखेंगे,

आर्यावर्ती सरोज “आर्या”
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)