Saturday, May 25, 2024
हेल्थ

संयुक्त निदेशक के निर्देशन में परखी गयीं कोविड बचाव की तैयारियां

– सेमरियांवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में देखे गए इन्तजाम

संतकबीरनगर।(कालिन्दी मिश्रा) कोविड की संभावित तीसरी लहर से बचने की तैयारियों को परखने के लिए जिले में माक ड्रिल आयोजित की गई। इस दौरान जिले के छ: सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ ही साथ जिला अस्पताल के मैटरनल चाइल्ड हेल्थ (एमसीएच विंग) में स्थित एल टू फैसिलिटी में भी तीसरी लहर की तैयारियों को परखा गया। शासन से नियुक्त जिले के नोडल अधिकारी लखनउ से आए संयुक्त निदेशक डॉ ए के वर्मा के साथ ही साथ जिला स्तर पर बनाए गए पर्यवेक्षण अधिकारी इन तैयारियों का परीक्षण चेकलिस्ट के हिसाब से करते रहे।

जनपद के अस्पतालों में कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के इंतजामों को जांचने के लिए सेमरियांवा सीएचसी व जिला अस्पताल की एमसीएच विंग समेत कुल सात स्वास्थ्य इकाइयों में माक ड्रिल का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ इन्द्र विजय विश्वकर्मा तथा शासन से नामित नोडल अधिकारी संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य , स्वास्थ्य भवन लखनउ डॉ ए के वर्मा के निर्देशन में सेमरियावां सीएचसी में माक ड्रिल प्रारंभ की गई। इस दौरान स्वास्थ्य इकाइयों में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट , नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट और स्वास्थ्य केंद्रों की तैयारियों को परखा गया। इस दौरान यह देखा गया कि तीसरी लहर के लिए हेल्थ सिस्टम कितना तैयार है, साथ ही अस्पतालों में कोरोना से इलाज के कितने इन्तजाम हैं। अधिकारीगण हर चरण का चेकलिस्ट के हिसाब से मिलान करते रहे। अगर बीच में कहीं कोई चरण छूट गया तो उसको रिपीट कराया गया। निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मोहन झा, उप मुख्य चिकित्साधिकारी वेक्टर बार्न डिजीज डॉ वी पी पाण्डेय , जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ आर डी मौर्या तथा एपीडेमियोलाजिस्ट ( जिला महामारी रोग विशेषज्ञ ) डॉ मुबारक अली, स्वास्थ्य अधीक्षक सेमरियांवा डॉ जगदीश पटेल बीपीएम राजेश पाण्डेय व अन्य स्टाफ मौजूद रहे।

 

इन सुविधाओं की हुयी जांच

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मोहन झा ने बताया कि माक ड्रिल के दौरान पीडियाट्रिक कोविड केयर यूनिट, नियोनेटल इमरजेंसी केयर यूनिट, कोविड केयर वार्ड में उपकरणों व स्टाफ की जांच, ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट, वेंटिलेटर, बाइपैप, मास्क व जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता, ऑक्सीजन सप्लाई व ऑक्सीजन की उपलब्धता, पीपीई किट, स्टाफ का व्यवहार, विशेषज्ञों, चिकित्सक, नर्स व अन्य स्टाफ की उपलब्धता, कंट्रोल रूम, स्टाफ की सक्रियता, ड्यूटी रोस्टर, एंबुलेंस चालकों का व्यवहार, एंबुलेंस की व्यवस्था के साथ ही उपकरणों की उपलब्धता की मॉनिटरिंग की गई। मॉक ड्रिल पूरी तरह से सफल रही तथा आवश्यकता की दवाइयों के साथ ही अन्य उपकरण भी संचालित मिले। स्टाफ को कर्इ चक्रों में प्रशिक्षित करने का नतीजा रहा कि कहीं कोर्इ गलती नहीं मिली।