Thursday, June 6, 2024
हेल्थ

फायदा बताया तो दवा खाने को तैयार हो गए ग्रामीण

– फाइलेरिया की दवा खाने से कई परिवारों ने कर दिया था इनकार

बस्ती। विक्रमजोत ब्लॉक के शंकरपुर गांव में आठ परिवार को जब स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने के फायदे गिनाए तो वह लोग दवा खाने को तैयार हो गए। इन लोगों ने पहले दवा खाने से इनकार कर दिया था। उन्हें बताया गया कि दवा खाने से जहां फायदा है, वहीं दवा न खाने से फाइलेरिया जैसी ला इलाज बीमारी हो जाने का खतरा है।
12 मई से चलाए जा रहे मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम के तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया की दवा डीईसी व पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल का सेवन करा रही हैं। शंकरपुर की आशा कार्यकर्ता मंजू मौर्या का कहना है कि गांव के आठ परिवार ऐसे थे, जिन्होंने फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने से इनकार कर दिया था । उन्हें दवा खाने से दुष्प्रभाव का डर था। मंगलवार को आशा, एएनएम उषा रानी सिंह व स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) के एसएमसी आशीष कुमार सिंह गांव पहुंचे और परिवार के लोगों से संपर्क कर उन्हें फाइलेरिया से ग्रसित हाथीपाँव के मरीजों की वीडियो व फोटो को दिखाया।
टीम ने उन्हें बताया कि यह एक ऐसा मर्ज है जो एक बार हो जाने के बाद ठीक नहीं होता, जीवन दूभर हो जाता है। कमाऊ व्यक्ति घर पर बैठ जाता है, जो घर वालों पर बोझ बन जाता है। इसका प्रभाव आर्थिक, सामाजिक व मानसिक रूप से पड़ता है। साल में एक बार दवा का सेवन करने से फाइलेरिया रोग से बचाव होता है। टीम के समझाने के बाद गांव वाले खुशी-खुशी दवा खाने को तैयार हो गए। गांव के चैतू मौर्या, रामशरण मौर्या, झिनका देवी, रामकुमार मिश्रा, मो. समीउल्लाह, कैथुलनिसा, मोहिउद्दीन, अब्दुल वहाब के परिवार के 64 लोगों ने टीम के सामने दवा का सेवन किया। कुदरहा ब्लॉक के माझाकला गांव में दवा खाने से इनकार करने वाले परिवार को एसएमसी प्रमेंद्र कुमार सिंह ने आशा की मदद से दवा खिलवाई।
पीसीआई के जिला संयोजक गौरव शंकर के नेतृत्व में छह टीम काम कर रही हैं है। टीम ने एमडीए अभियान शुरू होने से पूर्व आशा कार्यकर्ता, प्रधान, कोटेदार, शिक्षकों व छात्रों को फाइलेरिया रोग के बारे में बताते हुए दवा सेवन के महत्व को लेकर संवेदीकरण किया था, इसी के साथ आशा को इससे संबंधित वीडियो या, फोटो, पोस्टर आदि शेयर किया गया है। आशा दवा न खाने वाले परिवार को इसके माध्यम से जागरूक कर रही हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी आईए अंसारी ने बताया कि जो लोग दवा खाने से इनकार कर रहे हैं, उन्हें दवा का महत्व बताया जा रहा है। इस बार का अभियान पिछले साल की तुलना में काफी अच्छा चल रहा है। विभाग का प्रयास है कि कोई भी परिवार दवा खाने से छूटने न पाए।
अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. एफ हुसैन ने बताया की दो साल से कम उम्र बच्चों, गर्भवती व गंभीर बीमार लोगों को छोड़कर दवा सब के लिए सुरक्षित है।