Saturday, May 18, 2024
हेल्थ

नसबंदी के बाद फर्श पर लिटाने, पैसे लेने या एंबुलेंस न देने की शिकायत नहीं आई है: डॉ. नंद

• बेड उपलब्ध नहीं होने पर किराये पर चारपाई या मोटे गद्दे मंगाने का दिशा-निर्देश है

गोरखपुर।(गुरूमीत सिंह) कोविड टीकाकरण और कोविड की चुनौती के बीच इस वर्ष अप्रैल से नवम्बर तक 3302 महिलाओं ने नसबंदी सेवा अपनाई है। यह कहना है अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नंद कुमार का। डॉ.कुमार ने बताया कि जिले में नसबंदी के बाद फर्श पर लिटाने, पैसे लेने या एंबुलेंस सुविधा न देने जैसी कोई शिकायत नहीं आई है। वैसे जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चार से छह बेड के हैं। वहां आवश्यकतानुसार किराये पर चारपाई या मोटे गद्दे मंगाने का दिशा-निर्देश है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जो अस्पताल 30 बेड के नहीं है, वहां नसबंदी के लाभार्थी बढ़ने पर किराये पर चारपाई मंगाई जाती है। चारपाई नहीं मिलने पर मोटेगद्दे किराये पर मंगाए जाते हैं। किसी मरीज या लाभार्थी को फर्श पर नहीं लिटाया जाता है। नसबंदी के बाद महिला को एंबुलेंस के जरिए उसके घर तक निःशुल्क पहुंचाया जाता है। महिला नसबंदी के लाभार्थी को 1400 रुपये उसके खाते में दिये जाते हैं । अगर प्रसव पश्चात महिला नसबंदी करवाई जा रही है तो 2200 रुपये महिला के खाते में दिये जाएंगे।हर माह की 21 तारीख यानि खुशहाल परिवार दिवस पर लाभार्थियों को पिक एंड ड्रॉप की सुविधा एक साथ दी जाती है।

एसीएमओ डॉ. नंद कुमार ने बताया कि हौसला साझेदारी कार्यक्रम के तहत सम्बद्ध निजी अस्तपाल सूर्या क्लिनिक और प्रकाश सर्जिकल में भी निःशुल्क नसबंदी की सेवा दी जाती है। वहां से भी नसबंदी लाभार्थियों को एंबुलेंस के जरिये घर तक पहुंचाने की व्यवस्था है। परिवार नियोजन कार्यक्रम में स्वयंसेवी संस्था उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ तकनीकी सहयोह दे रहे हैं।

*कब करवा सकते हैं महिला नसबंदी*

• प्रसव के सात दिन के भीतर
• माहवारी शुरू होने के सात दिन के भीतर
• गर्भपात होने के बाद तुरंत या फिर सात दिन के भीतर

*महिला नसबंदी की योग्यता*

• विवाहित महिला जिसकी उम्र 22 वर्ष से अधिक और 49 वर्ष के कम हो
• दम्पत्ति को कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो
• पति ने पहले से नसबंदी नहीं करवा रखी हो

*कब नहीं करवानी है नसबंदी*

• महिला गर्भवती हो तो नसबंदी नहीं करवानी है
• प्रजनन तंत्र में संक्रमण हो तो नसबंदी न करवाएं