Saturday, June 29, 2024
साहित्य जगत

**प्रेम** विस्मृत हुई यादें**

पांच दिन पांच कविताएं पांच रचनाकार श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए आज की मेरी कविता -मेरे काव्य संग्रह- काव्य मंजरी से-

सर्वोच्च शिखर सा
क्षितिज के मिलन सा
प्रकाण्ड्य प्रेम का
अगाध स्नेह का
विलुप्त नहीं होगा कभी
उत्कृष्ट प्रेम का…..
वर्चस्व रहेगा सदा,
यादों का संग्रह है
असीमित प्रेम!
अमूल्य-अतुल्य
अद्भुत स्नेह है..
अवचेतन मन में
आदर्श-अदृश्य छवि है
अस्तित्व तुम्हारे नेह का
सम्पूर्ण और समृद्ध है
हृदय तुम्हारे नेह से
अकाट्य-अखंड प्रेम का
सर्वोत्तम उपहार है….
“विस्मृत हुई यादें”
नि: शब्द – अव्यक्त..!!

आर्यावर्ती सरोज “आर्या”
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)