Monday, May 6, 2024
बस्ती मण्डल

हिंदी हमारी संस्कृति, परम्परा और संस्कारों का दर्पण है- राकेश मणि त्रिपाठी

सिद्धार्थ नगर।(राणा प्रताप श्रीवास्तव) हिंदी हमारी संस्कृति, परंपरा और संस्कारों का दर्पण है।जो वर्तमान पीढ़ी को गौरवशाली अतीत से परिचय करवाती है। उक्त बातें रघुवर प्रसाद जायसवाल सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कॉलेज तेतरी बाजार के प्रधानाचार्य श्री राकेश मणि त्रिपाठी ने कही। वह हिंदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

आगे श्री त्रिपाठी ने कहा
संविधान सभा के द्वारा आज ही के दिन हिंदी और देवनागरी लिपि को राजभाषा के रूप में मान्यता देते हुए हिंदी भाषा के उत्थान के लिए संवैधानिक प्रावधान निर्धारित किए गए थे। भारत की स्वतंत्रता, राष्ट्रीय एकीकरण, आर्थिक प्रगति एवं सांस्कृतिक उन्नयन में हिंदी भाषा का सर्वाधिक योगदान है। आज हिंदी को राष्ट्रभाषा, राजभाषा एवं संपर्क भाषा के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त है और अधिसंख्य भारतीयों की मातृभाषा के रूप में भी हिन्दी भाषा शीर्ष पर विराजमान है। आवश्यकता है कि हम सब अपने लेखन एवं वार्तालाप में अपनी मातृभाषा हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करने का संकल्प करें । विद्यालय के जयंती प्रमुख आचार्य श्री दिलीप श्रीवास्तव ने भी हिंदी दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 14 सितंबर के दिन देश के संविधान ने हिंदी को श्रेष्ठता प्रदान करते हुए आधिकारिक राजभाषा का दर्जा देकर उसका उत्थान किया। हिंदी को एक सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए वह एक क्रांतिकारी कदम था। लेकिन फिर भी अंग्रेजी का वर्चस्व बढ़ता गया ।हिंदी प्रेम ,मिलन और सौहार्द की भाषा है ।हिंदी विविध भारत को एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली भाषा है । हिंदी को सम्मान मिले लोगों में हिंदी लिखने – बोलने का प्रचलन अत्यधिक बढ़े तब निश्चित ही कार्यक्रम मनाने की सफलता पूर्ण होगी। कार्यक्रम में भैया बहनों ने भी हिंदी की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन श्री व्यकंटेश्वर चंद्र मिश्र ने किया। उक्त अवसर पर कार्यक्रम संयोजक श्री गोविंद सिंह ,सह संयोजक श्री अनीश पाठक , श्री राजकुमार वर्मा, श्री संतोष त्रिपाठी, विवेक कुमार सिंह तथा दिग्विजय नाथ मिश्र समेत समस्त आचार्य बंधुओं व भैया बहनों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।