Wednesday, June 5, 2024
बस्ती मण्डल

क्षतिपूर्ति न मिलने की दशा में 19सितम्बर शुरु होगा बेमियादी धरना

समाजसेवी गांव गांव ग्रामीणों को अपने हक की ऐतिहासिक लडाई लडने हेतु रहे हैं संगठित

बस्ती।संविधान में ब्लाक,तहसील, थन्हा व कलेक्ट्रेट व उनके अधिकारी कर्मचारी जनसमस्याओं के संकलन व समाधान हेतु बनाये व नियुक्त किये गये हैं और यदि इनके द्वारा बेहतर जनसेवा न की जा रही हो तो उन्हे जगाने व न्याय दिलाने हेतु प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक चुनने का अधिकार जनता को दिया गया है और इन सबको जनहित में कार्य करने हेतु बजट व वेतन भत्ता जनता के ही टैक्स से देय है किन्तु जहां अधिकारी कर्मचारी महज एयरकंडीशनर कमरों से बाहर निकल कर जनसमस्याओं को हल नहीं करते वहीं जनता द्वारा चुने गये जनप्रतिनिधि भी जन समस्याओं को सिर्फ चुनाव में याद करते हैं और विपक्ष जनसमस्याओं को उठाने की जगह सत्ता हथियाने के फिराक में लगा रहता है फलस्वरूप लोकतंत्र का असली मालिक आज बेबस व लाचार है किन्तु हम जनता को जगाने व उसका अधिकार दिलाने हेतु आजीवन संघर्ष करते रहेंगे यह बातें उन्होंने आज पौराणिक मनोरमा नदी के जलस्तर के बढने व बरसात के पानी से घिरे उभाई के लोगों को संघर्ष हेतु संगठित करते हुए कहा उन्होंने कहा कि आजादी के 75वर्षों में मनोरमा जैसी सामान्य नदियों से भी फसल नुकसान की समुचित व्यवस्था न हो पाना दुःखद है।ज्ञात हो कि हर साल बाढ व बरसात से उभाई सहित हर्रैया विधानसभा के दो दर्जन गांवों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं और किसानों को कोई क्षतिपूर्ति नहीं दी जाती किन्तु समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय (सुदामा)ने न केवल किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाने हेतु समय समय पर मांग किया है अपितु समस्या समाधान न होने की दशा में आगामी 19सितम्बर से हजारों किसानों संग हर्रैया तहसील परिसर में बेमियादी धरने पर बैठने का ऐलान कर चुके हैं और इसके लिए वो गांव गांव लोगों से मिलकर अपने हक हेतु संगठित संघर्ष हेतु प्रेरित कर रहे है।श्री पाण्डेय जनान्दोलन के जरिये जनपद के घाघरा तट पर बसे गांवों के लोगों की सुरक्षा व फसल प्रतिपूर्ति हेतु काफी कार्य करा चुके है।