Sunday, May 19, 2024
हेल्थ

खोजते हुए ब्लड बैंक पहुंचा छात्र, किया रक्तदान

– जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में आयोजित हुआ रक्तदान शिविर

बस्ती।जिला अस्पताल का ब्लड बैंक खोजते हुए डिग्री कॉलेज का छात्र वहां पहुंचा और स्वेच्छा से रक्तदान किया। उसके इस जोश और जज्बे को देखकर ब्लड बैंक का स्टॉफ भी काफी हैरान था। छात्र ने बताया कि विश्व रक्तदान दिवस पर वह चाहता है कि उसका रक्त किसी की जान बचाने में काम आ सके। संजय कॉलोनी, पांडेय बाजार निवासी डिग्री कॉलेज का छात्र अनुज चौधरी जिला अस्पताल में रक्तदान करने वाला पहला डोनर बना।

रक्तदान करने के बाद वह काफी खुश नजर आ रहा था। उसका कहना था कि उसे नहीं मालूम था कि रक्तदान कहा किया जाता है। उसे जानकारी हुई थी कि रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिला अस्पताल में इसके अलावा देवरिया जिले के सिदही बाजार निवासी अश्विनी, गौरा निवासी डोनर रामवृक्ष यादव, दक्षिण दरवाजा निवासी नितेश सिंह, बहादुरपुर निवासी विकास सिंह व गौरव बरनवाल ने ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान किया। जिला अस्पताल के रक्तकोष अधिकारी डॉ. रामजी सोनी का कहना था कि अगर रक्तदान के महत्व को जान लिया जाए तो फिर शायद ब्लड बैंकों की क्षमता कम पड़ जाएगी।

एक यूनिट रक्तदान किसी की जान बचा सकता है। लोगों को रक्तदान का महत्व बताने की जरूरत है। कोविड काल में रक्तदान में काफी गिरावट हो गई थी। अब जबकि कोरोना के केस कम पड़ गए हैं, इसलिए स्वास्थ्य विभाग का दोबारा जोर रक्तदान पर है। ऑपरेशन आदि अस्पतालों में शुरू हो गए हैं, इसलिए ब्लड की मांग अब बढ़ रही है। मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा इकाई ओपेक अस्पताल कैली में भी रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। यहां 14 लोग रक्तदान देने के लिए पहुंचे थे।

मेडिकल कॉलेज के जेआर डॉ. युसुफ आलम ने सबसे पहले रक्तदान किया। इसके अलावा विजय शंकर पांडेय, भावेश पांडेय, कुलदीप सिंह, अनिल चौधरी, सीमा पांडेय, अमित श्रीवास्तव, नवीन त्रिपाठी, आनंद प्रताप सहित अन्य ने भी रक्तदान किया। वहां आयोजित रक्तदान शिविर में स्काउट गाइड सहित अन्य स्वंयसेवी संस्थाओं ने सहयोग प्रदान किया। कार्यवाहक प्रधानाचार्य डॉ. मनोज कुमार, सीएमएस डॉ. सोमेश श्रीवास्तव और डॉ. अनिल यादव का कहना है कि एक यूनिट ब्लड से चार लोगों की जान बचाई जा सकती है। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. स्वराज शर्मा ने शिविर की जिम्मेदारी संभाल रखी थी।