Thursday, June 6, 2024
साहित्य जगत

साहित्य उपवन रचनाकार में हुआ घनाक्षरी घमासान

साहित्य उपवन रचनाकार: एक पारदर्शी साहित्यिक संस्था है जो दैनिक सृजन के साथ साथ साप्ताहिक व अन्य आयोजन भी करवाती है। इस पटल पर देश के जाने माने रचनाकार नित्य सृजन करते हैं। हर सप्ताह बेहद अनोखे कार्यक्रम करवाना इस मंच की गतिविधियों में शुमार है, जो इसे अन्य मंचों से अलग बनाता है। मंच के सभी पदाधिकारी व रचनाकार इसकी गतिविधियों को बड़े मन से सम्पन्न कराते हैं। देश की राजधानी दिल्ली में जमीनी स्तर पर काव्य गोष्ठी नियमित अंतराल पर होती रहती हैं।
साहित्य उपवन रचनाकार की अध्यक्ष कुमार रोहित रोज जी ने बताया कि माह के प्रत्येक अंतिम रविवार को कवि कलरव का ओनलाइन आयोजन होता है। जिसमें मंच द्वारा दी ग‌ई विधा पर ही रचनाकार काव्य पाठ करते हैं। साहित्य उपवन रचनाकार की कवित्त वाटिका में आभासी पटल पर नियमित घनाक्षरी अभ्यास होता है, जिसमें घनाक्षरी के जानकार सभी रचनाकारों का बड़ी आत्मीयता से यथासंभव मार्गदर्शन करते हैं। इसीलिए इस बार घनाक्षरी घमासान का आयोजन रखा गया ताकि जो लिखकर रहें उसे पढ़ने और सुनने का अवसर भी प्राप्त हो। दिनांक 25/6/2023 को घनाक्षरी घमासान का सीधा प्रसारण गूगल मीट के जरिये साहित्य उपवन रचनाकार मंच पर किया गया जिसका आनंद पटल पर उपस्थित रचनाकारों ने लिया। कवि कलरव का संचालन मंच की सचिव सुधा बसोर सौम्या के द्वारा बहुत शानदार तरीके से किया गया। इसमें काव्य पाठ करने वाले रचनाकार रहे: कवि रामजीलाल वर्मा, प्रेमलता उपाध्यक्ष स्नेह, पंकज कुमार खरे, सरोज शुक्ला, डॉ.सरोज , शशिकला नायक, फूलचंद्र विश्वकर्मा, भरत कुमार मीणा, अशोक कुमार सैनी, डाॅ महिमा सिंह, दिनेश मिश्र,रेखा कापसे ,बसंत श्रीवास्तव,पंकज खरे,मीरा भारती। सभी ने बहुत ही लयबद्ध भावपूर्ण घनाक्षरी पाठ करके मंत्र मुग्ध कर दिया । अंत में साहित्य उपवन रचनाकार मंच की कार्यकारी अध्यक्षा ने सभी सम्मानित रचनाकारों , संचालिका एवम अध्यक्ष जी का हार्दिक आभार प्रेषित किया एवम सभी रचनाकारों को “काव्य केसर” सम्मान से अलंकृत किया। शाम पांच बजे से जो घनाक्षरियों की तान छिड़ी वो रात्रि 8 बजे विश्राम को प्राप्त हुई।
नारी, प्रेम ,पर्यावरण ,धर्म शिक्षा ,रिश्ते नाते ,गुरु महिमा, विज्ञान, अंजनी पुत्र राम नाम एवं राधा भक्ति आदि रोचक विषयों को स्पर्श किया और शानदार घनाक्षरी प्रस्तुत की । आदरणीय रोहित रोज जी ने आसक्ति एवं तलाक के ऊपर शानदार घनाक्षरी प्रस्तुत की वही संगीता जी ने भी बहुत ही सुंदर घनाक्षरी प्रेम पर प्रस्तुत की जिसने सभी का मन मोह लिया ।वैसे तो सभी की रचनाएं एक से बढ़कर एक थी परंतु कुछ विषय होते हैं जो हृदय को छू जाते हैं । कार्यक्रम में कुछ ऐसी ही रचनाएं सुनने को मिली जिसने सभी के हृदय को स्पर्श किया।
साहित्य उपवन रचनाकार मंच ने सफलता की मणिमाला में एक ओर माणिक जोड़कर एक बार फिर इतिहास रचा।

प्रस्तुत है मेरी कविता आज के कार्यक्रम को समर्पित

मनहरण घनाक्षरी से साहित्य उपवन का मंच , सज धज हमें पुकारता ।
सारे गुनी जन को सुनने को आकुल मन ,
मंच को निहारता ।
भाव भरे भावों से सुवासित घनाक्षरी ,
सुन हृदय तृप्त पाइए ।
हर बार उपवन पुष्प चुन सुगंध नयी चहुंओर फैलाता।
साथी सभी मकरंद युक्त, भाव शब्द पिरोते ,
मंच को काव्य वर्षा से भिगोते ।
मान यहां मिलता ,
सभी हैं यहां बराबर ।
साहित्य यहां वटवृक्ष सा फलता फूलता,
कविता की सारी शाखाएं यहां होती सिंचित ,
हो गई अगर कोई भूल या त्रुटि,
गुरु जन तत्पर सुधारने को
सदा रहते ,
हो रहे पल्लवित हम सभी
उपवन की वाटिका है गूंजित।
रोहित जी और संगीता जी की अथक मेहनत और लगन से मंच दिन-रात फल फूल रहा,
नित नई सफलता को चूम रहा।
महिमा देती रही शुभकामना ,
उपवन यूं ही महकता रहे साहित्य की सरिता यूं ही अविरल प्रवाहित होती रहे।