प्रेग्नेंसी के दौरान यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन क्यों होता है?
हेल्थ। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उनमें से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन भी एक हो सकता है। जब यूरिनरी सिस्टम का कोई हिस्सा जैसे किडनी, ब्लैडर या यूरेथ्रा बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाता है तो इसे ही यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन कहते हैं।
महिलाओं के मूत्राशय के आसपास या उसके अंदर के हिस्से में बैक्टीरिया की वजह से संक्रमण हो सकता है। इसे ही यूटीआई कहते हैं। अधिकांश महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हार्मोनल बदलाव की वजह से यह समस्या होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान भी यूटीआई की समस्या आम है, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, 8 प्रतिशत प्रेगनेंट महिलाएं यूटीआई से ग्रस्त होती हैं। यदि जल्दी इस पर ध्यान न दिया जाए और समय रहते इलाज न करवाया जाए तो संक्रमण ब्लैडर और किडनी तक पहुंचकर गंभीर क्षति पहुंचा सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों होता है यूटीआई?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार प्रेग्नेंसी में होने वाले हार्मोनल बदलाव और गर्भाशय का बढ़ता साइज यूटीआई के लिए ज़िम्मेदार हो सकता है।
– प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव महिलाओं में किसी भी तरह के संक्रमण की संभावना को बढ़ा देते हैं।
– गर्भावस्था में गर्भाशय के बढ़ते आकार और वज़न की वजह से ब्लैडर से एक साथ सारा पेशाब निकल पानी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बचे हुए पेशाब के कारण ही संक्रमण होता है।
– गर्भ में शिशु का आकार बढ़ने पर मूत्राशय और मूत्रमार्ग पर दबाव बढ़ने लगता है जिसकी वजह से बैक्टीरिया मूत्र मार्ग में ही रह जाते हैं और संक्रमण पैदा करते हैं।
– गर्भावस्था के दौरान पेशाब में प्रोटीन, शुगर और हार्मोंस की मात्रा अधिक होती है और यह भी यूटीआई के खतरे को बढ़ा देता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान यूटीआई के लक्षण
स्त्री रोग विशेषज्ञ के मुताबिक, प्रेग्नेंसी में किसी को यूटीआई की समस्या होने पर निम्न लक्षण नज़र आते है। यदि आपको भी इनमें से कोई लक्षण दिखे तो डॉक्टर से संपर्क करें।
– तेज पेशाब आना या बार-बार पेशाब आना
– पेशाब के दौरान दर्द और जलन
– पेट के निचले हिस्से में ऐंठन
– पेशाब का रंग पीला और बदबूदार होना
– पेशाब में खून या बलगम आना
– यौन संबंध बनाने के दौरान दर्द
– ब्लैडर एरिया में दर्द, दबाव या कोमलता महसूस होना
– बुखार
– मतली या उल्टी होना।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान यूटीआई खतरनाक हो सकता है, इससे प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इसके संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें।
यूटीआई का उपचार
विशेषज्ञों के अनुसार, यूटीआई के लक्षणों के आधार पर डॉक्टर पहले इसका निदान करता है उसके बाद आपको एंटीबायोटिक दे सकता है। आमतौर पर 3 से 7 दिन का कोर्स होता है। आमतौर पर संक्रमण ब्लैडर और यूरेथ्रा में होता है जो दवा से ठीक हो जाता है, लेकिन यदि समय पर इलाज न किया जाए तो संक्रमण किडनी तक फैल सकता है और ऐसा होने पर पीड़ित महिला को अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत है।
– कंचन सिंह