Wednesday, June 26, 2024
बस्ती मण्डल

प्रवासी पक्षियों की कत्लगाह बना मोती झील, प्रशासन मौन

संतकबीरनगर।जनपद के बखीरा(मोती झील) सदियों से पक्षियों की पसंदीदा जगह रही है। इस झील को वर्ष 1990 में पक्षी अभ्यारण्य घोषित किया गया था। पक्षियों की सुरक्षा के लिए वनकर्मियों की तैनाती भी कर दी गई, लेकिन ये उनके संरक्षण के बजाय शिकारियों के जरिये भक्षण करने में जुटे हुए हैं।

वन विभाग व शिकारियों की आपसी सांठगांठ का परिणाम यह है कि यहां झील में प्रवासी पक्षियों का कत्लगाह बन गया और बेखौफ मेहमान पक्षियों का शिकार किया जा रहा है। झील के समीप के झुगियां व शनिचरा गांव के शिकारी दोपहर से ही शिकार के लिए मोतीझील में उतर जाते हैं और पूरी रात शिकार करते हैं। इनके खिलाफ कोई कार्यवाही न होने से प्रशासन के प्रति कोई भय नहीं रहा।

प्रशासन के मौन के कारण शिकार किये गए विदेशी पक्षियों की खरीद के लिए जनपद के आसपास के क्षेत्रों सहित सहजनवां, गोरखपुर, बस्ती सहित आप-पास के जिले मांस के शौकीन लग्जरी गाड़ियों से पहुंचते हैं। लालसर रूपये 2000, टिकिया 500, कैमा 400 सेवार 800 पटियाला 500 तथा पुछास 500 रुपये प्रति पक्षी खरीद कर ले जाते हैं।

बखीरा झील से सटे गांव झुगियांव शनिचरा में सुबह से ही शिकार किए गए पक्षियों की बोली लगाई जाती है। इसके शौकीन यहां से महंगे दामों पर खरीद कर ले जाते हैं, जिसका पुख्ता जानकारी पुलिस व वन विभाग के कर्मचारियों को है, लेकिन सभी खामोस हैं।

थाना प्रभारी बखीरा रोहित कुमार ने बताया कि वन विभाग की चौकी वहां बनी है, इस नाते हम कोई कार्यवाही नहीं करते। मामला संज्ञान में आया है जांच की जायेगी। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि यह गंभीर विषय है, इसकी जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।