Saturday, May 18, 2024
साहित्य जगत

विश्व चाय दिवस पर

तुम मेरे दिल के करीब हो
तुम मेरे सबसे अजीज हो
दो घूंट पी कर तुम्हें…..
पलटती जब…
कुछ पन्ने ज़िन्दगी के
रूमानियत के हर्फ़ से लबरेज
बन जाते जैसे तुम नसीब हो
तुम मेरे दिल के करीब हो
तुम मेरे सबसे अजीज हो
हाथों में चाय की प्याली
और उंगलियों में फिसलते पन्ने
सच मानो मिल जाती खुशियां
जमाने भर की…..जब हों
हाथों में किताब और एक कप चाय
सच तुम मेरे चाहत ए इश्क हो
माना कि थोड़े अजीब हो
तुम मेरे दिल के करीब हो
तुम मेरे सबसे अजीज।।

आर्यावर्ती सरोज “आर्या”
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)