Monday, July 1, 2024
बस्ती मण्डल

वाम दलों ने प्रदर्शन कर किया तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग

बस्ती । तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर चल रहे आन्दोलन के समर्थन में सोमवार को वाम दलों के पदाधिकारी, कार्यकर्ता लोहिया मार्केट स्थित शिविर कार्यालय पर एकत्र हुये और धरने के बाद दीवानी कचहरी, शास्त्री चौक आदि क्षेत्रों से जुलूस निकालकर तहसील परिसर पहंुचे और उप जिलाधिकारी सदर के माध्यम से राष्ट्रपति को 7 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।

धरने को सम्बोधित करते हुये भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी जिला सचिव का. अशर्फी लाल ने कहा कि हठवादिता छोड़ सरकार आन्दोलित किसानों का भरोसा जीते और किसान विरोधी कानूनों को वापस ले। माकपा जिला सचिव रामगढी चौधरी, का. कंवलजीत, का. के.के. तिवारी, का. वीरेन्द्र प्रताप मिश्र, सतिराम, धु्रवचन्द्र, परवेज आलम, श्याम मनोहर, वंदना चौधरी, नीलम, पूनम देवी, विजय लक्ष्मी आदि ने कहा कि किसान पिछले 19 दिनों से अपने अधिकारों के लिये आन्दोलित हैं किन्तु केन्द्र की सरकार हठवादी रवैया अपनाये हुये हैं जो ठीक नहीं है। सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार कर किसान विरोधी तीनों कानूनों को वापस लेकर एम.एस.पी. की गारण्टी देना सुनिश्चित करे।
राष्ट्रपति को भेजे 7 सूत्रीय ज्ञापन में तीन किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने, आन्दोलित किसानों का दमन, उत्पीड़न बंद करने, एम.एस.पी. से कम दाम पर खरीद को अपराध घोषित कर स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा के आधार पर सीटू फार्मूले के तहत फसल का डेढ गुना दाम दिये जाने, सरकार द्वारा पराली के निस्तारण के क्रम में सरकार पराली की खरीद करे, किसानों से जुर्माना व जेल की सजा न दिये जाने, पुलिसिया वसूली की बंद करने, किसानों का विद्युत बिल माफ किये जाने, स्मार्ट मीटर के नाम पर उपभोक्ताओं का शोषण बंद कर प्रस्तावित विद्युत विधेयक 2020 वापस लिये जाने, सार्वजनिक, सरकारी एवं अर्ध सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपना बंद किये जाने, खाली पदों पर नियुक्तियां किये जाने, मनरेगा मजदूरों के कार्य दिवस एवं मजदूरी में बढोत्तरी किये जाने, लॉक डाउन के अवधि की सभी प्रकार के स्कूलों की फीस माफ किये जाने, बीमार व बंद चीनी मिलों को चलवाकर गन्ने का बकाया मूल्य भुगतान कराये जाने आदि की मांग शामिल है।
धरना एवं जुलूस में मुख्य रूप से का. लक्ष्मी पाण्डेय, शेषमणि, इरफान खां, विफईराव, गुडिया देवी, कुसुम देवी गोस्वामी, शिवचरन, राम प्रकाश शंकर, मोहन शर्मा, हीरालाल, भगवानदीन, शेषमणि, सुन्दरी, शिवचरन, ज्ञानमती के साथ ही सैकड़ो की संख्या में वाम दलोें के महिला, पुरूष बड़ी संख्या में शामिल रहे।