Sunday, June 30, 2024
बस्ती मण्डल

जागरूकता के सहारे ही एड्स पर पाया जा सकता है काबू

बस्ती। विश्व एड्स दिवस पर विकास भवन परिसर सहित विभिन्न सीएचसी/पीएचसी पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। लोगों को हैंडबिल व काउंसिलिंग के जरिए एड्स के फैलाव व उसकी रोकथाम के बारे में स्वास्थ्य कर्मियों ने जागरूक किया। एचआईवी कम्युनिटी बेस्ड स्क्रीनिंग की गई। आयोजन जिला एड्स नियंत्रण सोसायटी बस्ती द्वारा किया गया।
एसीएमओ/जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सीएल कन्नौजिया ने विकास भवन परिसर स्थित जागरूकता शिविर का फीता काटकर उदघाटन किया। उन्होंने कहा कि एड्स एक एैसी बीमारी है, जिसका इलाज सिर्फ और सिर्फ इससे बचाव ही है। हर व्यक्ति को चाहिए कि इस बीमारी की भयावहता के बारे में जाने तथा स्वास्थ्य विभाग की ओर से बचाव के जो तरीके बताए जा रहे हैं, उन पर अमल करे। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल परिसर में एआरटी सेंटर (एंटी रेट्रोवॉयरल थेरेपी सेंटर) का संचालन किया जा रहा है, जिसमें बस्ती मंडल सहित आसपास के आधा दर्जन से ज्यादा जिलों के लोगों का निशुल्क इलाज किया जा रहा है। यहां पर जांच व काउंसिलिंग से लेकर सभी दवाएं निशुल्क हैं। अगर जांच समय पर कराई जाए तथा मरीज नियमित इलाज कराए तो उसे काफी राहत मिल सकती है।
डॉ. कन्नौजिया ने बताया कि सभी गर्भवती की एचआईवी जांच अनिवार्य कर दी गई है। अगर कोई गर्भवती एचआईवी पॉजिटिव मिलती है तो विभाग द्वारा उस पर नियमित रूप से नजर रखकर इलाज किया जाता है। इसका उद्देश्य होता है कि उस एचआईवी पॉजिटिव महिला का बच्चा इस रोग से ग्रसित न होने पाए। सुरक्षित यौन संबंध, डिस्पोजेबल सुई का प्रयोग करके काफी हद तक इस रोग से बचा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस रोग को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां भी हैं। किसी मरीज से हाथ मिलाने, उसके साथ खाने-पीने से रोग नहीं होता है। समाज को चाहिए कि वे एचआईवी पॉजिटिव लोगों के प्रति सम्मान की भावना रखें तथा उनका उत्साह वर्धन करें। समाज की मुख्य धारा से जुड़े रहकर मरीज का जीवन लम्बा हो सकता है। निदेशक डीआरडीए आरपी सिंह, रामललित यादव, पंकज यादव ने भी अपने विचार रखे।
ईश्वर चंद्र वर्मा, गोवर्धन उपाध्याय, राजेश सिंह, देवेंद्र सिंह, ओम प्रकाश, आलोक चौधरी, वीरेंद्र प्रताप नारायण, राजेश श्रीवास्तव, संदीप श्रीवास्तव, अब्दुल सईद, उमंग यादव, चंदन शर्मा, अभिनव चौधरी, माया देवी सहित अन्य मौजूद रहे।

जिले में हैं 1870 मरीज
जिले में एचआईवी/एड्स के कुल 1870 मरीज चिन्ह्ति हैं। इनमें लगभग हर उम्र के लोग है। डॉ. कन्नौजिया ने बताया कि इसमें से अधिकांश मरीज टीबी के रोग से भी ग्रसित हैं। 145 मरीज कैंसर से ग्रसित पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव मरीज के लिए किसी अन्य संक्रमण की संभावना ज्यादा होती है। कोरोना काल में ऐसे मरीजों को ज्यादा एहतियात की जरूरत है।