Wednesday, July 3, 2024
साहित्य जगत

चेहरा ढका है मास्क से….

चेहरा ढका है मास्क से, झिलमिल झिलमिल गात।
आंखो से पढ़ लीजिए, उसके मन का भाव।

अब तो मिलता है नहीं अधरामृत का स्वाद।
आंखों से कर लीजिए प्यार भरा संवाद।

इस कोरोना काल में सह लें हर संताप।
मासूका के बदन को छुए न “वर्मा” आप।

कोरोना ने कर दिया जन – जन को निस्तेज।
हाथ मिलाने से करो “वर्मा” तुम परहेज।

बढ़ा प्रदूषण इस कदर बिगड़ गए हालात।
सदा प्रफुल्लित राखिए प्रकृति – नटी का गात।

डॉ. वी.के. वर्मा
चिकित्साधिकारी
जिला चिकित्सालय बस्ती