Saturday, May 18, 2024
साहित्य जगत

ग़ज़ल

 

मेरा दिल कह रहा मुझसे कोई अब जलजला होगा !
चलो अब घर पे चलते हैं ये सूरज डूबता होगा !!

जो इतना प्यार करते एक दूजे को सुनो हम तुम !
हमें यूं देखकर कुछ तो ख़ुदा भी सोचता होगा !!

गवाही प्यार की अपनी ये देंगे चाँद तारे भी !
किसी से कुछ नही कहना नही तो कहकहा होगा !!

जमाना लाख चाहेगा बुरा करना मेरे हमदम !
मेरे ही साथ चलना तुम नही कुछ भी बुरा होगा !!

तड़पती हैं तुम्हारी याद में ये रातभर कोमल !
तुम्हारी बाह का प्रियतम मुझे कब आसरा होगा !!

कोमल गुप्ता
रायबरेली (उत्तर प्रदेश)