Sunday, May 19, 2024
बस्ती मण्डल

बृहस्पति कुमार पाण्डेय को मिला लाडली मीडिया रीजनल अवॉर्ड

बस्ती: लैंगिक संवेदनशीलता के लिए दिए जाने वाले देश के प्रतिष्ठित पुरस्कार लाडली मीडिया एंड एडवरटाइजिंग अवॉर्ड्स-2023 का शनिवार को झालाना डूंगरी स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में भव्य आयोजन हुआ। जिसमें बस्ती जनपद के बृहस्पति पाण्डेय को नार्थ रीजन से हिंदी भाषा में दिल्ली प्रेस की पत्रिका फार्म एन फ़ूड में लिखे लैंगिक संवेदनशीलता पर आधारित लेख के लिए मुख्य अतिथि बाबा आमटे दिव्यांग विश्वविद्यालय, जयपुर के कुलपति प्रोफेसर डॉ. देव स्वरूप के हाथों लाडली मीडिया रीजनल अवॉर्ड प्रदान किया गया।

उन्हें यह पुरस्कार बिहार के समस्तीपुर के कैजिया गांव की महिलाओं की अद्भुत यात्रा और स्थानीय पशुपालकों पर किए गए परिवर्तनकारी प्रभाव पर लिखी गई स्टोरी “पशु आहार बनाने में गाँव की महिलाएं कर रहीं है तरक्की” के लिए प्रदान किया। उनके इस लेख में स्वयंसहायता समूह, वित्तीय अनुशासन, समुदाय संचालित विकास और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।

गौर तलब है की बृहस्पति पाण्डेय पिछले एक दशक से दिल्ली प्रेस के फार्म एन फ़ूड पत्रिका के लिए लिखते रहें हैं जिसमें उनके कृषि, बागवानी, सहित जेंडर समानता और सफलता की सैकड़ों स्टोरी और फीचर प्रकाशित हो चुके हैं।

बृहस्पति कुमार पाण्डेय का जूरी द्वारा लाडली मीडिया अवार्ड के लिए चयन किया गया था, जिन्हें भव्य और गरिमामय समारोह में पुरस्कार प्रदान किए गए। गौरतलब है कि लाडली मीडिया अवॉर्ड लैंगिक संवेदनशीलता के लिए दिया जाने वाला दुनिया में अपनी तरह का अनूठा पुरस्कार है। इसे मीडिया पुरस्कारों का महाकुंभ भी कहा जाता है। यह लैंगिक रूप से न्यायसंगत समाज के निर्माण के लिए मीडिया और संचार के क्षेत्र में भेदभाव को मिटाने के लिए ध्यान केंद्रित करता है।

जयपुर के लोक संवाद संस्थान और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के सहयोग से पॉपुलेशन फर्स्ट की ओर से आयोजित इस सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि बाबा आमटे दिव्यांग विश्वविद्यालय, जयपुर के कुलपति प्रोफेसर डॉ. देव स्वरूप थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना मीडियाकर्मियों और पत्रकारों की जिम्मेदारी है कि मीडिया में लैंगिक भेदभाव और रूढ़िवादी प्रतिनिधित्व को प्रोत्साहित न किया जाए। इसके स्थान पर मीडिया को महिलाओं और समाज के हाशिये पर रहने वाले वर्गों के सशक्तिकरण की आवश्यकता पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया के व्यावसायीकरण के दौर में अक्सर यह देखा गया है कि लैंगिक भेदभाव से जुड़े विभिन्न मुद्दों के लिए मीडिया का स्थान लगातार सिकुड़ रहा है। उन्होंने आग्रह किया कि ऐसे मुद्दों के लिए समर्पित मीडिया क्षेत्र का विस्तार करने की बहुत गुंजाइश है।

वहीं कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ हॉनर यूएनएफपीए के पॉलिसी एवं साझेदारी प्रमुख जयदीप बिस्वास थे। विशिष्ट अतिथि यूएनएफपीए की प्रोग्राम मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट अनुजा गुलाटी, यूएनएफपीए-राजस्थान के स्टेट हेड दीपेश गुप्ता, राजस्थान राज्य सामाजिक कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. अर्चना शर्मा एवं राजस्थान राज्य नेहरू बाल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष इकराम राजस्थानी थे। इस अवसर पर लाडली कार्यक्रम की राष्ट्रीय समन्वयक और थिएटर कलाकार डॉली ठाकोर भी मौजूद रहीं।

पॉपुलेशन फर्स्ट की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. ए.एल. शारदा ने बताया कि विजेताओं का चयन विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी 55 सदस्यीय जूरी ने किया। इसके लिए जूरी की कुल 30 बैठकें हुईं। जूरी ने गहन विचार-विमर्श के बाद कुल 87 पत्रकारों को लैंगिक संवेदनशीलता के लिए प्रतिष्ठित लाडली मीडिया अवॉर्ड के लिए चयनित किया। वहीं 31 पत्रकारों को जूरी प्रशंसा प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित करने का निर्णय लिया। डॉ. शारदा ने कहा कि लाडली मीडिया अवॉर्ड मीडिया पेशेवरों को अपने काम में लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ावा देकर समाज की प्रगति में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां

पुरस्कार समारोह में मेहमानों और विजेताओं को मंत्रमुग्ध करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रमों की शुरुआत श्री वीर बालिका विद्यालय की छात्राओं की ओर से जेंडर संवेदनशील आधारित गीत एवं नृत्य ‘बेटी हूं, मैं तारा बनूंगी’ से हुई। इसके बाद राजस्थान के पारंपरिक लोक कलाकार मेहरदीन लंगा और उनकी मंडली की ओर से राजस्थानी लोक संगीत का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा कालबेलिया जनजाति सपेरा नृत्य की भी छाप बिखेरी गई। लोक संवाद संस्थान के सचिव कल्याण सिंह कोठारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम की मेजबानी राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसंचार केंद्र के पूर्व अध्यक्ष डॉ. संजीव भानावत और दूरदर्शन-आकाशवाणी, दिल्ली की एंकर डॉ. प्रियंका कटारिया ने की।