Saturday, May 18, 2024
बस्ती मण्डल

धरने में हिस्सा लेने लखनऊ जायेंगे शिक्षक, बैठक में बनी रणनीति

बस्ती । शुक्रवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह की अध्यक्षता में प्रेस क्लब सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में पुरानी पेंशन नीति बहाल किये जाने के साथ ही शिक्षक समस्याओं के समाधान हेतु प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर 21 सूत्रीय मांगों को लेकर आगामी 9 अक्टूबर को महानिदेशक कार्यालय लखनऊ के समक्ष आयोजित धरने में भागीदारी पर विचार किया गया।
बैठक में जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह ने कहा कि कर्मचारी और शिक्षक लम्बे समय से पुरानी पेंशन बहाल किये जाने की मांग कर रहे हैं किन्तु सरकार इस पर चुप्पी साधे हुये है। जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती चरणबद्ध ढंग से संघर्ष जारी रहेगा। बताया कि 9 अक्टूबर को आयोजित धरने की सफलता के लिये पदाधिकारियोें को दायित्व सौंप दिया गया है। हजारोें की संख्या में शिक्षक अपने माध्यम से एवं ब्लाक स्तर पर निर्धारित बसों द्वारा लखनऊ पहुंचेंगे।
संघ के जिला मंत्री जिला मंत्री बालकृष्ण ओझा ने कहा कि एकजुटता से ही शिक्षक समस्याओं का समाधान होगा। प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर आगामी 9 अक्टूबर को आयोजित धरना काफी महत्वपूर्ण है। मांगोें के समर्थन में शिक्षक लगातार संघर्ष कर रहे हैं।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिवपूजन आर्य, जिला कोषाध्यक्ष दुर्गेश यादव ने बैठक में शिक्षकों के पदोन्नति, पारस्परिक स्थानान्तरण, 69 हजार भर्ती में महिलाओं के अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण और कैशलेश चिकित्सा, उपार्जित अवकाश, आन लाइन प्रशिक्षण बंद करने आदि का मुद्दा उठाया। बैठक में राजकुमार तिवारी, शिवरतन, प्रताप नरायन चौधरी, राजेश गिरी, सुधीर तिवारी आदि ने कहा कि लखनऊ का धरना ऐतिहासिक होगा।
बैठक में मुख्य रूप से शिवरतन, अशोक यादव, अनिल पाठक, रंजन सिंह, नन्दलाल, हरेन्द्र यादव, राजेश, डा. प्रमोद सिंह, शिव प्रकाश सिंह, उमाकान्त शुक्ल, सुरेश गौड़, मो. असलम, अटल उपाध्याय, अमित पाण्डेय, सनद पटेल, गंगा प्रसाद, अखिलेश पाण्डेय, मुरलीधर, वृजेश मिश्र, राजीव सिंह, हृदय विकास पाण्डेय, अशोक पाण्डेय, प्रवीन श्रीवास्तव, शिवरतन, सुरेन्द्र यादव, प्रसून, सुशील गहलोत, शिवम शुक्ल, राम पियारे वृजेश मिश्र, विवेक सिंह, गिरजेश चौधरी, मक्खनलाल, कविन्द्रनाथ चौधरी, रजनीश यादव, गौरव चौधरी, अविनाश दूबे के साथ ही अनेक शिक्षक और संघ पदाधिकारी उपस्थित रहे।